विश्व गौरैया दिवसः ओ री चिरैया, नन्हीं सी चिड़िया...अंगना में फिर आजा रे

punjabkesari.in Saturday, Mar 20, 2021 - 04:36 PM (IST)

यूपी डेस्कः  गौरैया एक सुंदर पक्षी जो भले ही छोटी सी हो मगर उसे देखते ही मन में उमंग, उत्साह और चंचलता का बहाव होने लगता है। आंगन, बगीचे या घर के अन्य खुली जगहों पर इन्हें कभी-भी देखा जा सकता था मगर आज ये अपने अस्तित्व के लिए जूझ रही हैं। 20 मार्च यानि विश्व गौरैया दिवस पर उन विलुप्त होती नन्हीं चिड़िया के लिए ये गंभीरता से सोचना बहुत जरूरी है कि कै वो फिर से आंगन में चहकने लगें और उनका झूंड फिर से घरों को कैद करले।

बता दें कि नेचर फॉरेवर सोसायटी के विशेष प्रयासों से सबसे पहले 2010 में इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई थी। आज दुनिया के कई देशों में 'विश्‍व गौरैया दिवस' मनाया जाता है। गौरैया के जीवन संकट को देखते हुए वर्ष 2012 में उसे दिल्ली के राज्य पक्षी का दर्जा भी दिया गया था। वहीं वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सहयोग से किए गए सिटीजन स्पैरो के सर्वेक्षण में पता चला कि दिल्ली और एनसीआर में वर्ष 2005 से गौरैया की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है।

इस बाबत पक्षी विज्ञानी डॉक्टर अरविंद मिश्र बताते हैं कि मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद जैसे बड़े शहरों व हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में गौरैया की हालत चिंताजनक है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के अनुसार आंध्र प्रदेश में इनकी संख्या 80 फीसदी तक कम हुई है। केरल, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में इनमें 20 फीसदी तक की कमी देखी गई है। उन्होंने बताया कि दुनिया में गौरैया की 26 प्रजातियां पाई जाती हैं। उनमें छह प्रजातियां भारत में मिलती हैं। इनके नाम हाउस स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो, सिंड स्पैरो, रसेट स्पैरो, डेड सी स्पैरो और ट्री स्पैरो हैं।

 


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Content Writer

Moulshree Tripathi

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