डांडिया में घुसे मुस्लिमों को दौड़ाकर पीटा, आधार कार्ड मांगा तो नहीं दिखा पाए, फिर हिंदू संगठन ने...
punjabkesari.in Saturday, Oct 05, 2024 - 05:28 PM (IST)
कानपुर: यूपी के कानपुर जिले में आयोजित डांडिया कार्यक्रम में मुस्लिम होने के शक में दो युवकों को भीड़ ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा है। बताया जा रहा है कि आयोजकों ने दोनों युवको से आधार कार्ड दिखाने के लिए कहा था लेकिन दोनों आनाकानी करने लगे, जिसके बाद कई लोग दोनों को घेर लिया। लात-जूतों से पीटा। कपड़े फाड़ दिए। दोनों बचने के लिए बाजार की तरफ भागे, तब भी नहीं छोड़ा। पूरा मामला स्वरूपनगर का है।
मिली जानकारी के अनुसार, जिसे के स्वरूपनगर में कल यानी कि शुक्रवार की रात स्वरूपनगर में डांडिया कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। इसमें आधार कार्ड और पास देखकर एंट्री दी जा रही थी। रात में अचानक एक साथ ज्यादा लोग पहुंच गए, फिर नाम पूछ-पूछकर एंट्री दी गई। आयोजकों का कहना है- एंट्री के वक्त दोनों युवकों ने गलत नाम बताए। माथे पर टीका भी लगवाया। कार्यक्रम के दौरान उनकी एक्टिविटी संदिग्ध दिखाई पड़ी। इसके बाद दोनों से आधार कार्ड दिखाने को कहा, लेकिन आनाकानी करने लगे। कहने लगे कि हम लोग आधार कार्ड नहीं लेकर आए हैं। उसने कुछ सवाल पूछे गए। उसका भी दोनों जवाब नहीं दे पाए। बाद में पता चला कि दोनों युवक गैर समुदाय के हैं। इसके बाद दोनों युवकों को लोगों घेर लिया। लड़कों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। थोड़ी देर बाद बजरंग दल से जुड़े लोग पहुंच गए। उन्होंने आयोजकों को पहचान पत्र देखने के बाद ही एंट्री देने की हिदायत दी। पूरी घटना का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।
कई गैर हिंदूओं को किया गया वापस
विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री युवराज द्विवेदी ने कहा- बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रवेश करने वाले लोगों के आधार कार्ड जांच रहे थे। वहां 15-20 दूसरे धर्म के लड़कों को अंदर घुसते हुए पकड़ा गया। उन्हें वापस भेजा गया। इसके बावजूद दो लड़के अंदर पहुंच गए। अपने नाम गलत बताए। उनके खिलाफ बजरंग दल के लोगों ने कार्रवाई की।
DCP बोले- थाने में बताए, कानून हाथ में न लें
वहीं इस मामले को लेकर DCP सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने कहा- डांडिया प्रोग्राम में कुछ लोगों के बीच मारपीट की घटना का वीडियो संज्ञान में आया है। इसके आधार पर FIR दर्ज की गई है। अगर आपको कोई शिकायत है तो डायल-112 को सूचित करें। किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।