बड़ा खुलासा: गायों का पैसा डकार गई गौशाला कमेटी! दर्जनों गायों की हुई भूख-प्यास से मौत

punjabkesari.in Friday, Apr 07, 2017 - 06:28 PM (IST)

कानपुर(अंबरीश त्रिपाठी): देश की सबसे बड़ी कानपुर गौशाला सोसाईटी पर चारा घोटाला करने और दर्जनों गायों को भूखा मारने के आरोप लगे हैं। आज चार गायों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस सनसनीखेज तथ्य का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक जिन गायों की मौत हुई है उनके पेट में न तो चाराथा और न ही पानी की एक बूंद। जिसकी वजह से गायों की अकाल मौत हो गई। लोगों का आरोप है कि गौशाला की जमीनों पर माफियाओं का कब्जा होने के कारण गायों की देखरेख नहीं हो पा रही है जिसकी वजह से गायों की मौतें हो रही हैं। 

क्या है पूरा मामला?
दरअसल कानपुर गौशाला सोसाईटी में इन दिनों मातम छाया हुआ है। यहां पिछले छह माह से गायों के लगातार मरने की घटनाऐं हो रही थीं। कल चार गायें एक साथ मरी तो हंगामा मच गया। गायों के रखवालों ने आरोप लगाया कि गौशाला प्रबन्धन कमेटी गायों के चारे में घोटाला कर रही है और उन्हें भूखा रखा जा रहा है। इस पर जिला प्रशासन ने सरकारी पशु चिकित्साधिकारी से मृत गायों का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से रहस्य खुला है कि उनकी आंतों में भोजन नहीं था और यूरिनरी और ब्लैडर भी बिल्कुल खाली थे। भोजन न मिलने से भूखी गायों ने पानी नहीं पिया इसीलिए भूख-प्यास से उनकी मौत हो गई। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भूख-प्यास की वजह से गायों का शरीर पीला पड़ा था और उनके शरीर में खून की मात्रा भी बहुत कम थी।

भूख की वजह से गायों ने तोड़ा दम-पशु चिकित्सक
राजकीय पशु चिकित्सक डॉ0 धमेन्द्र सिंह का कहना है कि ऐसा तभी होता है जब बहुत दिनों तक भोजन न किया जाए। साफ है कि भूख की वजह से गायों ने दम तोड़ दिया।

अब जरा एक नजर कानपुर गौशाला सोसाईटी पर-
देश की सबसे बड़ी गौशाला में शुमार कानपुर गौशाला सोसाईटी 128 साल पुरानी है। गौशाला को लगभग 22 अरब कीमत की जमीन दान के रूप में मिली हैं। जिसपर भू माफियाओं की नजरें गड़ी हैं और काफी जमीन पर अवैध कब्जे भी हो चुके हैं। शहर के तमाम धन्नासेठ गौशाला के सदस्य हैं। वर्तमान में सूबे का एक बड़ा शराब सिण्डीकेट गौशाला पर काबिज है। शराब सिण्डीकेट के खिलाफ पुरानी कमेटी कोर्ट गयी है। इस विवाद में फंसकर गायों को भोजन मिलना बन्द हो गया है।

गायों को नहीं मिल रहा पौष्टिक आहार-वैद्य
गौशाला के वैद्य की तस्दीक खुद ये तस्वीरें कर रही हैं जिनमें हड्डी का ढ़ांचा बनकर रह गयी गायें साफ दिख रही हैं। बछड़े भूखे हैं क्योंकि उनकी मांओं के थन सूख चुके हैं। इस समय गौशाला में करीब 540 गायें हैं और जिला प्रशासन के हस्तक्षेप पर उनकी जांच के लिए प्रतिदिन राजकीय पशु अधिकारी आ रहे हैं। वैद्य राम किशोर तिवारी आरोप है कि गायों को पौष्टिक आहार नहीं दिया जा रहा है जिसकी वजह से गायों की मौत हो जा रही है। उन्होंने कहा है कि गौशाला में दान भी आ रहा है लेकिन गायों को नहीं मिल पा रहा है। गौशाला में भ्रष्टाचार हो रहा है। जिसकी मजिस्ट्रेटिक जांच होनी चाहिए। 

गौशाला की जमीनों पर माफियाओं का कब्जा-सुरेश गुप्ता
कानपुर गौशाला सोसाइटी के उपाध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने बेलाग स्वीकार किया है कि गौशाला की बेशकीमती जमीनों पर माफियाओं का कब्जा होने और दान में आयी कमी के कारण इन दिनों गायों के रखरखाव में दिक्कतें आ रही हैं।

लोगों ने लगाए ये आरोप
कुछ लोगों का यह भी आरोप है कि सूबे के एक बड़े शराब सिण्डीकेट ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके गौशाला सोसाईटी का अध्यक्ष पद हासिल किया हुआ है और इन दिनों शराब की दुकानों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के कारण वे गौ-सेवा पर कम और अपने शराब कारोबार को बचाने में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। इससे गायें उपेक्षित हुई हैं और मरणासन्न अवस्था में पहुंची हैं। 

गौशाला के महामंत्री ने आरोपों को किया खारिज
जब इस मामले को लेकर गौशाला के महामंत्री श्याम आरोड़ा से बात की गई तो उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। 


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