लोहिया अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत, एक्शन में दिखे योगी के मंत्री

punjabkesari.in Tuesday, Apr 25, 2017 - 08:00 AM (IST)

लखनऊ(अनिल सैनी): उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने लखनऊ के डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में गर्भवती महिला की मृत्यु पर कड़ा रुख अपनाते हुए महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पद्माकर सिंह को तत्काल एक समिति गठित करके पूरे प्रकरण की बारीकी से जांच कर रिपोर्ट शाम तक ही देने के निर्देश दिए। सिंह ने कहा कि जांच में जिस स्तर पर लापरवाही पाई जाएगी, उसके अनुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।

घटना की जानकारी मिलते ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री पूर्वाह्न 10 बजे डा. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय पहुंचे और अस्पताल के निदेशक डा. (मेजर) देवेन्द्र सिंह नेगी से पूरे मामले की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने हिदायत दी कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं घटनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया गर्भवती महिला की मृत्यु में चिकित्सकों की लापरवाही स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुई है। जांचोपरांत जो चिकित्सक जिम्मेदार होंगे, उन्हें किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा।

सिंह ने रात्रि ड्यूटी पर तैनात समस्त चिकित्सकों, स्टाफ नर्स, आशा बहू एवं अन्य मरीजों से भी पूरे घटना की जानकारी प्राप्त की। रात्रि में डा. शालू और डा. शुभ्रा सिंह तैनात थीं। उन्होंने कहा कि इन चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिला को अटैंड नहीं किया गया और स्टाफ नर्स द्वारा प्राथमिक उपचार के उपरान्त महिला को छुट्टी दे दी गई।

सिंह ने कहा कि यह स्थिति बहुत ही गम्भीर है। अस्पताल मैनुअल के तहत मरीजों को प्राथमिक चिकित्सा देना चिकित्सकों का प्रमुख दायित्व है, इसका अनुपालन पूरी तरह सुनिश्चित नहीं किया गया। ऐसे चिकित्सकों के विरुद्ध निश्चित रूप से दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गरीबों का इलाज एवं सरकारी अस्पतालों से तमाम सुविधाएं समय से मिलें यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है। अस्पतालों में समस्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे और इसके बाद भी यदि किसी प्रकार की शिकायत पाई जाती है, तो राज्य सरकार दोषी कर्मियों को किसी भी दशा में बख्शेगी नहीं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने महानिदेशक को निर्देशित किया कि चिकित्सालय आने वाले रोगियों का इलाज सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदेश के समस्त चिकित्सालयों को जारी करें। इसके साथ ही समय-समय पर निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण करके स्थिति की जानकारी लेते रहें।

गौरतलब है कि गत 22 अप्रैल को रात्रि 10.30 बजे 108 एम्बुलैंस से गर्भवती महिला चिकित्सालय लाई गई थी। स्टाफ नर्स द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद महिला को डिस्चार्ज कर दिया और दूसरे दिन सुबह महिला की मृत्यु हो गई।


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