शिक्षक को नसीहत देना पड़ा महंगा, छात्रों ने उतारा मौत के घाट

punjabkesari.in Tuesday, Sep 12, 2017 - 11:39 AM (IST)

इलाहाबादः इन दिनों सीएम योगी बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करते दिख रहे है, लेकिन केवल स्कूल जाने से ही बच्चों को नैतिकता नहीं सिखाई जा सकती। इसी का एक उदाहरण इलाहाबाद में देखने को मिला है, जहां एक स्कूल में छात्रों को नैतिकता, चोरी ना करने, गल्त बातों से दूर रहने की नसीहत एक शिक्षक को भारी पड़ गई।

शिक्षक हत्याकांड पर से उठ गया पर्दा
दरअसल इलाहाबाद पुलिस ने बीते दिनों हुए शिक्षक राम सेवक हत्याकांड का खुलासा किया है, जिसमें 2 छात्र शामिल थे। एक छात्र पुलिस की गिरफ्त में है तो दूसरा अभी भी फरार है। बता दें छात्र के कबूलनामें में एेसी बातें शामिल है जो आपको हैरत में डाल देंगी। पुलिस के मुताबिक इस हत्या में 2 छात्र शामिल थे।

सब्जी काटने वाले चाकू से किया वार
वारदात को अंजाम देने के लिए छात्रों ने दस-दस रुपए मिलाकर 20 रुपए का चाकू खरीदा था। उन्होंने कहा शानों शौकत की जिंदगी के लिए ये दोनों लूट की घटनाओ को अंजाम देने लगे थे, जिसपर शिक्षक रामसेवक उन्हें दूर रहने की नसीहत देता था। दोनों ने मौका पाकर 6 सितंबर को निशाना बनाते हुए चाकू से हत्या कर दी।

लूट के लिए व्यापारी की कर रहे थे रेकी
पुलिस के मुताबिक दोनों लूट की वारदात को अंजाम देते रहते थे। बीती रात भी मुकेश और नरेन्द्र सड़क पर बाइक से रेकी कर रहे थे। तभी व्यापारी रमेश चंद्र जायसवाल उधर से गुजरे। दोनों ने कुछ दूर रमेश का पीछा किया और बाइक ओवरटेक कर चाकू से हमला कर दिया।

ग्रामीणों ने किया पुलिस के हवाले
रमेश ने बचाओ-बचाओ की आवाज लगाई तो ग्रामीण मदद के लिए दौड़ पड़े। चारों तरफ से घिरे दोनों युवक भागने लगे। लेकिन मुकेश को ग्रामीणों ने बाइक पर बैठने से पहले ही दबोच लिया और पीटकर पुलिस के हवाले कर दिया।

रात को ही देते थे वारदातों को अंजाम
पुलिस के अनुसार मुकेश ने 20 रूपए में सब्जी काटने वाला चाकू खरीदा था और फिर उसी से वारदात को अंजाम देने लगा। इन दोनों ने तीसरी घटना को अंजाम दिया था। लेकिन मुकेश तीसरी घटना में पकड़ा गया। इन दोनों ने सबसे पहले 25 जून को अलीपुर में चाकू घोपकर राममिलन व आसाराम को लूटा था। जिसके बाद फिर 6 सितंबर को रिटायर शिक्षक राम सेवक यादव की चाकू घोपकर हत्या कर कर दी। जिसके बाद अब शनिवार को व्यापारी से 20 हजार रुपए लूटे थे।

गरीब घर का मुकेश बुरी संगत में बन गया एेसा
बता दें मऊ आइमा के रहने वाले मुकेश के पिता की मौत के बाद मां ने बड़ी मुश्किल से बेटे को पढाया था। वह बेटे को इंजीनियर बनाना चाहती थी। जिसके लिए बेटे को इलाहाबाद पढ़ने व तैयारी के लिए भेज दिया था। यहां वह एसएससी की तैयारी कर रहे नरेन्द्र के साथ रहने लगा था और बिगड़ गया था। 


 


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