गौरव के दोस्त पर हत्या का आरोप, माफिया मुन्ना बजरंगी का करीबी

punjabkesari.in Sunday, Dec 17, 2017 - 03:56 PM (IST)

लखनऊ, आशीष पाण्डेय: राजधानी के हजरतगंज इलाके में सिद्धार्थनगर के पूर्व बीजेपी विधायक जिप्पी तिवारी के बेटे वैभव तिवारी (23) के हत्यारोपी की पुलिस ने पहचान कर ली है। लखनऊ जोन के एडीजी लॉ एंड आर्डर अभय कुमार ने इस बात की पुष्टि की है। हत्या के पीछे प्रापर्टीं विवाद बताया जा रहा है।
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कौन है गौरव तिवारी
बीजेपी के पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी सिद्धार्थनगर​ जिले के दमवापुर गांव में रहते हैं। उनके इकलौते पुत्र वैभव तिवारी (23) हजरतगंज स्थित कसमंडा हाउस अपार्टमेंट के कमरा नंबर 22 में रहते थे। वो गांव के प्रधान थे। मां संध्या तिवारी बीडीसी हैं। शनिवार रात करीब 9 बजे सूरज शुक्ला नामक किसी व्यक्ति ने उसे फोन किया और अपार्टमेंट से नीचे आने की बात कहकर बुलाया। सूरज व गौरव दोस्त थे। 
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ऐसे की गई वारदात 
वैभव कमरे से निकलकर नीचे आए। जैसे ही वो नीचे उतरे, सूरज से उसकी किसी बात को लेकर बहस होने लगी। जब तक कुछ समझ पाते, उसने गोली मार दी और मौके से भागने लगा। उसी बीच पूर्व विधायक के भतीजे आदित्य ने उसे भागते हुए देख लिया, लेकिन वो भी कुछ नहीं समझ पाए। तब तक वह अपनी कार में बैठकर फरार हो गया। कार में एक और व्यक्ति पहले से ही बैठा हुआ था। वैभव को लहूलुहान देख भतीजा चिल्लाने लगा। चिल्लाने और गोली की आवाज सुनकर और लोग भी दौड़े। इसके बाद परिजन भी मौके पर आ गए। पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस की मदद से खून से लथपथ वैभव को परिजन डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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सूरज व विक्रम ने ​दिया वारदात को अंजाम 
एसएसपी दीपक कुमार की माने तो हजरतगंज चौराहे पर वैभव का रिश्तेदार गोमतीनगर निवासी आदित्य शनिवार को उनके घर आया था। आदित्य ने बताया कि दोनों अपार्टमेंट के बाहर पार्क रोड पर टहल रहे थे। उसी समय वैभव के परिचित अर्जुनगंज के खुर्दही बाजार निवासी प्रॉपर्टी डीलर सूरज ने फोन कर बिजनेस की बात करने के लिए हजरतगंज चौराहे पर बुलाया। इसी बीच, वैभव के पिता आ गए। आदित्य उनके साथ अपार्टमेंट चला गया। आदित्य के जाते ही सूरज और उसका हिस्ट्रीशीटर साथी नरही निवासी विक्रम सिंह काले रंग की सफारी से वहां आ गए। वैभव कसमंडा हाउस के गेट पर ही उनसे बातचीत करने लगा। आदित्य नीचे उतरा तो वैभव और सूरज के बीच तनातनी चल रही थी। उसने बीचबचाव किया तो सूरज ने धमकी और गालियां दी। वैभव ने विरोध किया तो विक्रम ने पिस्टल निकाल ली और वैभव पर फायर कर दिया। गोली लगते ही वैभव जमीन पर गिर गया। विक्रम और सूरज भाग खड़े हुए। आदित्य ने फोन कर पूर्व विधायक को बुलाया। दोनों कार से वैभव को लोहिया अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह पुलिस के लिए बना है सिरदर्द 
हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है। हजरतगंज, अलीगंज, आलमबाग और गोमती नगर में उसके खिलाफ 27 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। 15 साल पहले अलीगंज में बैंक लूट से उसका आपराधिक इतिहास शुरू हुआ था। हजरतगंज कोतवाली के 82-ए नंबर के हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह पर 23 अक्टूबर 2002 को अलीगंज में बैंक लूट का मुकदमा दर्ज हैं। दरोगा पिता के स्थान पर नौकरी पाई मां उसकी पैरवी करती रही। उसकी मां अभी पिछले दिनों सीबीसीआईडी में एसआई (एम) के पद से सेवानिवृत्त हुई थी। जेल से छूटने के पर उसने इलाके में गुंडागर्दी शुरू कर दी। दुस्साहसी विक्रम ने 23 जनवरी की रात एसएसपी आवास से चंद कदम दूर पावभाजी की दुकान लगाने वाले राकेश शर्मा की कनपटी पर पिस्तौल लगाकर 75000 रुपये की रंगदारी मांगी थी। नगदी न होने पर विक्रम ने उससे चेक लिया और पिस्टल लहराते हुए चला गया। इस वारदात के बाद पुलिस ने रिपोर्ट लिखकर उसे जेल भेजा लेकिन जेल से छूटने के बाद वह फिर गुंडागर्दी कर रहा था। इससे पहले हजरतगंज में मॉडल शॉप के सेल्समैन सुशील जैसवाल की हत्या में उसका नाम सामने आया था। विक्रम को सिविल अस्पताल में धावा बोलकर डॉक्टर की पिटाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। वह रेडीमेड कपड़े के शोरूम मालिक से भी रंगदारी के मामले में पकड़ा जा चुका है।
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पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह व सूरज को पकड़ने के लिए पुलिस की चार टीमें दबिश दे रही हैं। कसमंडा हाउस में जिस जगह पर वारदात हुई, उसके चारों तरफ हाई सिक्योरिटी जोन है। दस कदम दूर पर हजरतगंज चौराहे पर चौबीस घंटे पुलिस फोर्स तैनात रहती है। यूपी 100 सेवा की पीसीआर मौजूद रहती है तो 50 मीटर दूर सिविल अस्पताल चौराहा पर पार्क रोड चौकी पर पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं। बावजूद इसके पूर्व विधायक के बेटे को गोली मारकर मौत के घाट उतारने के बाद हत्यारे आराम से फरार हो गए। आधा घंटे तक पुलिस को वारदात की भनक तक नहीं लगी। सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल होने के बाद हजरतगंज पुलिस की नींद टूटी और इंस्पेक्टर आनंद शाही पार्क रोड पहुंचे। हालांकि, तब तक यहां सन्नाटा पसर चुका था।
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सीसीटीवी में कैद हुई वारदात
यह वारदात कसमंडा हाउस में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज कब्जे में ले ली है। इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद शाही ने बताया कि फुटेज देखी जा रही है। फिलहाल पुलिस की चार टीमें सूरज और विक्रम की तलाश में दबिश दे रही हैं। वैभव तिवारी की शादी चार साल पहले उदयगंज निवासी शिवांसी से हुई थी। उसकी तीन साल की बेटी है।

माफ‍िया मुन्ना बजरंगी का करीबी है आरोपी
आरोपी सूरज शुक्ला खुर्दही बाजार का निवासी है। मुन्ना बजरंगी का करीबी है। उसके पिता प्लॉटिंग का बिजनेस करते हैं। प्रॉपर्टी को लेकर कोई व‍िवाद था। इस मामले में वैभव की गोली मारकर हत्या की गई है। वैभव त‍िवारी के प‍िता जिप्पी तिवारी ने बताया, उनके बेटे का क‍िसी से कोई व‍िवाद नहीं था। आरोपी को सामने लाने पर सब कुछ मालूम चल जाएगा।


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