बिहार के इकालौते विधायक ने मायावती से की मुलाकात, नजरें झुकाकर हाथ जोड़े तस्वीर पर लोगों का पढ़ें रिएक्शन
punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 05:58 PM (IST)
लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती से बिहार के इकलौते पार्टी विधायक सतीश कुमार सिंह (पिंटू यादव) ने दिल्ली में मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीरें सामने आई हैं, जो चर्चा में हैं। दरअसल, मायावती के सामने सतीश कुमार सिंह घुटने टेककर बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं इस तस्वीर को लेकर खूब रिएक्शन दे रहे हैं एक्स पर एक @IPSinghSp यूजर ने मायावती पर तंज कसते हुए कहा कि मायावती सामंतशाही छोड़कर अपने दूसरे जीते हुए विधायक से सामने, बराबर की कुर्सी पर बैठाकर उनसे मिल सकती थीं और फोटो भी जारी कर सकती हैं।पर उन्हें जलील करने की आदत पड़ गयी है रस्सी जल गयी पर ऐंठन नहीं गयी। हालांकि कुछ लोग विधायक को मायावती ओर पार्टी के प्रति सच्चा ईमानदार बता रहे हैं।
बिहार में कैमूर जिले की रामगढ़ सीट पर बसपा ने दर्ज की है जीत
आप को बता दें कि बिहार में कैमूर जिले की रामगढ़ सीट पर कांटे की टक्कर में बसपा प्रत्याशी की जीत हुई उसके बाद जीत प्रमाण पत्र में देरी को लेकर बवाल हो गया है। यहां पर कई बसपा कार्यताओं पर प्रशासन केस दर्ज किया था। बसपा विधायक ने जीत मायातवी से मुलाकता की और हिंसा की घटना को लेकर बसपा सुप्रीमो को अवगत कराया। मुलाकात के बाद मायावती ने बाद हुई हिंसा की निंदा की है। मायावती ने कहा कि कुछ उपद्रवियों ने मतगणना के दौरान हिंसा करते हुए बिहार से विजयी बसपा विधायक के वाहन के साथ–साथ पुलिस के वाहन को निशाना बनाया था।
मायावती बोलीं- असामाजिक तत्वों द्वारा उत्पात कराया, मामलेकी निष्पक्ष जांच हो
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बिहार में पार्टी कार्यकर्ताओं पर कथित पुलिस कारर्वाई को गंभीर मुद्दा बताते हुए प्रदेश सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है। मायावती ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म‘एक्स'पर जारी बयान में कहा कि दिल्ली स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान यह तथ्य सामने आया कि 14 नवंबर को मतगणना वाले दिन विपक्षी दलों और असामाजिक तत्वों द्वारा जानबूझकर उत्पात कराया गया था।
बसपा के लगभग 250 कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने दर्ज किया है केस
मायावती ने आरोप लगाया कि इस दौरान नव-निर्वाचित बसपा विधायक सतीश यादव की गाड़ी के साथ-साथ प्रशासन की कई गाड़यिों को भी क्षतिग्रस्त किया गया। बसपा अध्यक्ष के अनुसार, हालात को नियंत्रित करने के नाम पर पुलिस ने रात में लाठीचार्ज किया, जिसमें बसपा के कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्होंने कहा कि घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने दबाव में आकर बसपा के लगभग 250 कार्यकर्ताओं और करीब 1000 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की, जबकि वास्तविक दोषियों पर कारर्वाई नहीं की गई।
बिना जांच बसपा कार्यकर्ताओं पर कारर्वाई करना अन्यायपूर्ण
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस केवल बसपा कार्यकर्ताओं को परेशान कर रही है, जबकि पहले घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और उसके बाद ही कोई कानूनी कदम उठाया जाना चाहिए। बसपा अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा कि उनकी पार्टी की मांग है कि इस पूरे मामले की सही और निष्पक्ष जांच कराई जाए। जब तक जांच पूरी न हो जाए, तब तक किसी भी कार्यकर्ता की गिरफ्तारी या पुलिस कारर्वाई उचित नहीं होगी। उन्होंने दावा किया कि बिना जांच के बसपा कार्यकर्ताओं पर कारर्वाई करना अन्यायपूर्ण है और पार्टी इसे स्वीकार नहीं करेगी।

