एम्बुलेंस नहीं, मौत का वाहन! अस्पताल की जगह सड़क किनारे फेंक दिया घायल युवक, इलाज ना मिलने से हुई मौत
punjabkesari.in Monday, Aug 04, 2025 - 08:03 AM (IST)

Kaushambi News: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। जहां 108 एंबुलेंस सेवा के 2 कर्मचारियों ने एक घायल और बेहोश युवक को अस्पताल ले जाने की बजाय सुनसान सड़क किनारे फेंक दिया। इलाज में देरी की वजह से युवक की जान चली गई।
जानिए, क्या हुआ था?
मिली जानकारी के मुताबिक, यह घटना 31 जुलाई की है, जब कौशांबी के संदीपन घाट थाना क्षेत्र में ये अमानवीय हरकत की गई। दो एंबुलेंस कर्मियों नरेश कुमार सरोज (निवासी बिसारा गांव) और आशीष मिश्रा (निवासी चंदूपुर) को जानकारी मिली कि मुंडेरा मंडी, प्रयागराज में एक युवक बेहोशी की हालत में पड़ा है। दोनों युवक को लेकर पहले भगवतपुर अस्पताल की ओर निकले, लेकिन रास्ते में आपस में यह सोचकर चर्चा की कि अस्पताल में डॉक्टर नहीं होंगे, इसलिए मरीज को भर्ती नहीं किया जाएगा। फिर वे आलमचंद्र सीएचसी की ओर मुड़े लेकिन वहां भी यही सोचकर कि कोई इलाज नहीं करेगा, उन्होंने युवक को आलमचंद्र पुलिया के पास सुनसान जगह पर फेंक दिया और वहां से भाग निकले।
मदद को आई पुलिस, लेकिन हो चुकी थी बहुत देर
जब इस घटना की सूचना पुलिस को मिली तो टीम मौके पर पहुंची और युवक को अस्पताल ले गई। पहले उसे जिला अस्पताल कौशांबी और फिर हालत गंभीर होने पर एसआरएन अस्पताल प्रयागराज रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
FIR दर्ज, आरोपी गिरफ्तार
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी राजेश कुमार ने तुरंत जांच के आदेश दिए और एक विशेष टीम बनाई गई। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर एंबुलेंस (UP32EG 4897) और दोनों कर्मचारियों की पहचान की। दोनों को तेरामील सैयद सारांवा रोड के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने सारी सच्चाई स्वीकार की — कि वे इलाज के लिए गंभीर युवक को अस्पताल नहीं ले गए और जानबूझकर उसे सुनसान सड़क किनारे छोड़कर भाग गए।
सवालों के घेरे में 108 एंबुलेंस सेवा
इस घटना ने 108 एंबुलेंस सेवा की कार्यशैली और जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। आम जनता में गुस्सा है कि जिस सेवा पर जिंदगी बचाने की जिम्मेदारी होती है, वही लापरवाही कर मौत का कारण बन रही है।