3 फिट की जगह में 1100 शिवलिंग.. लोटा जल चढ़ाने से मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण, करें दर्शन

punjabkesari.in Saturday, Feb 18, 2023 - 02:26 PM (IST)

झांसी: महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर झांसी के ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां महज 3 फिट में 11 सौ शिवलिंग और एक लोटा जल, फूल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। शायद आपको ये काल्पनिक ही लगेगा, लेकिन आज आपको पंजाब केसरी की टीम इस देश के एक अनोखे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रही है। जहां महज तीन फिट की जगह में भक्त 1100 शिवलिंगों पर एक लोटा जल चढ़ाकर भगवान शंकर की पूजा अर्चना करते है।
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बता दें कि गोसाइयों का शासन तकरीबन 1200 साल पहले हुआ करता था। गोसाई शासकों की शिव भक्ति को शब्दों में नहीं बताया जा सकता। गोसाइयों ने अपने शासन काल में हजारों शिव मंदिरों को बनवाया। गोसाई काल में बने शिव मंदिरों की धार्मिक महत्ता को लेकर तमाम कहानियां बताई जाती है। गोसाई काल में ही बुंदेलखंड के झांसी जिले में ऐतिहासिक पानी वाली धर्मशाला के पास बना है हजारिया महादेव मंदिर। इस हजारियां महादेव के मंदिर की तमाम धार्मिक मान्यताएं है।

झांसी की पानी वाली धर्मशाला से ही लगे हजारिया महादेव के मंदिर में हर समय श्रद्धालुओं को भीड़ जुटी रहती है। इस मंदिर के शिवलिंग की विशेषता ये है कि यहां पूजा करने आने वाले श्रद्धालुओं को एक नहीं, दो नहीं, दस नहीं, 100 नहीं ,बल्कि एक साथ 1100 शिवलिंगों पर जल चढ़ाने का सौभाग्य मिलता है। इस मंदिर में एक बहुत बड़ा शिवलिंग है। जिसके छोटे छोटे 11 गोलाकार घेरे के हर घेरे में 100 शिवलिंग बने है। कुल मिलाकर 1100 शिवलिंग बने हैं। जिन पर श्रद्धालुओं द्वारा पूजा की जाती है।

हजारिया महादेव मंदिर के पुजारी का ये दावा
वहीं हजारिया महादेव मंदिर के पुजारी का ये भी दावा है कि जब कभी भी बुंदेलखंड में सूखे के हालात बनते है। हजारिया महादेव के मंदिर में कई श्रद्धालु आते हैं, खासतौर से बुंदेली किसान आकर पानी गिरवाने की अर्जी लगाते है। मंदिर के सभी 11 सौ शिवलिंगो को पानी में पूरी तरह से डुबाते है। मंदिर के अंदर शिवलिंगों को पानी में पूरी तरह से डुबाने पर महादेव प्रसन्न होते है। शिवलिंगों के पानी में पूरी तरह से डूबने पर बुंदेलखंड में जमकर बारिश शुरू हो जाती है।

क्या है मान्यता?
पानी वाली धर्मशाला मंदिर चंदेल काल के दौरान बना था। मान्यता है, कि हजारिया महादेव मंदिर का निर्माण 17 वीं सदी में गोसाईं साधुओं द्वारा करवाया गया था। मंदिर में आज भी प्राचीन भित्ति चित्र नजर आते हैं। साथ ही शिखर पर भगवान शिव का त्रिशूल और लघु मंदिर मुख्य आकर्षण है। श्रद्धालुओं के अनुसार शिव रात्रि, पवित्र सावन के महीने में हजारों श्रद्धालु भगवान हजारिया महादेव के दर्शन को उमड़ते हैं। त्योहार पर ब्रह्म मुहुर्त से अभिषेक शुरू हो जाएगा। दोपहर बाद भगवान का दूल्हा स्वरूप में आकर्षक श्रृंगार होगा। इसके साथ ही रात्रि में अनुष्ठान भी होंगे।


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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