मुबारकपुर दंगे के 22 आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी, आजमगढ़ में 23 साल पहले भड़की थी सांप्रदायिक हिंसा
punjabkesari.in Sunday, Aug 06, 2023 - 03:07 PM (IST)

आजमगढ़: जिले की एक अदालत ने सांप्रदायिक दंगों के 23 साल पुराने मामले में 22 आरोपियों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में शनिवार को बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष ने यह जानकारी दी। अभियोजन पक्ष के अनुसार अपर सत्र न्यायाधीश रमेश चंद्र की त्वरित सुनवायी अदालत ने सुन्नी एवं शिया संप्रदाय के लोगों के बीच हुए दंगों के मामले में आरोपी 22 लोगों को पर्याप्त सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। यह दंगा वर्ष 2000 के नवंबर माह में जिले के मुबारकपुर कस्बे में हुआ था।
दंगे की शुरुआत पांच नवंबर 2000 को हुई थी, जब मुबारकपुर कस्बे में अजादार हुसैन शाम सात बजे अपनी दुकान पर थे, तभी सुन्नी संप्रदाय के कई लोगों ने उसकी दुकान पर धावा बोल दिया। इस दौरान दुकान में जमकर लूटपाट की गई और बम हमले में दुकान में मौजूद मोहम्मद हुसैन तथा मुख्तार को गंभीर चोट आई। मुबारकपुर पुलिस ने इस मामले में 26 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही चार आरोपियों की मौत हो गयी। बाकी 22 आरोपियों को अदालत ने शनिवार को बरी कर दिया।
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आजमगढ़: अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली यूपी पुलिस एक फिर वर्दी को शर्मसार कर दिया है। जहां पर वर्दी के नशे में चूर पुलिस वाले एक छात्र के बाइक की चाभी छीनते हुए नजर आ रहे है। जब छात्र ने इसका विरोध किया तो पुलिस वाले मां, बहन की भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे और जमकर उसकी पिटाई कर दी। उसके बाद पीड़ित को थाने ले गए। वहीं रोड़ पर खड़े किसी शख्स ने घटना वीडियो बना लिया। जिसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।