‘क्रीमी लेयर'' के विरोध में अखिलेश, बोले- मुकदमों के माध्यम से आरक्षण की लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश की रही बीजेपी

punjabkesari.in Sunday, Aug 11, 2024 - 05:49 PM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण में उप-वर्गीकरण और ‘क्रीमी लेयर' के विवाद के बीच रविवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए दावा किया कि सरकार हर बार अपने गोलमोल बयानों और मुकदमों के माध्यम से आरक्षण की लड़ाई को कमज़ोर करने की कोशिश करती है। सपा प्रमुख ने रविवार को “एक्स” पर अपने एक पोस्ट में कहा, “किसी भी प्रकार के आरक्षण का मूल उद्देश्य उपेक्षित समाज का सशक्तीकरण होना चाहिए, न कि उस समाज का विभाजन या विघटन। इससे आरक्षण के मूल सिद्धांत की ही अवहेलना होती है।

‘आरक्षण' शोषित, वंचित समाज को सशक्त करने का सांविधानिक मार्ग है,
यादव ने दावा किया, “अनगिनत पीढ़ियों से चले आ रहे भेदभाव और मौकों की गैर-बराबरी की खाई चंद पीढ़ियों में आए परिवर्तनों से पाटी नहीं जा सकती।” उन्होंने कहा कि ‘आरक्षण' शोषित, वंचित समाज को सशक्त और सबल करने का सांविधानिक मार्ग है, इसी से बदलाव आएगा, इसके प्रावधानों को बदलने की आवश्यकता नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा सरकार हर बार अपने गोलमोल बयानों और मुक़दमों के माध्यम से आरक्षण की लड़ाई को कमज़ोर करने की कोशिश करती है, फिर जब पीडीए (पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक) के विभिन्न घटकों का दबाव पड़ता है, तो दिखावटी सहानुभूति दिखाकर पीछे हटने का नाटक करती है।”

भाजपा की अंदरूनी सोच सदैव आरक्षण विरोधी रही है
सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा की अंदरूनी सोच सदैव आरक्षण विरोधी रही है और इसीलिए भाजपा पर से 90 फीसदी पीडीए समाज का भरोसा लगातार गिरता जा रहा है। यादव ने आरोप लगाया, “आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा की विश्वसनीयता शून्य हो चुकी है। पीडीए के लिए ‘संविधान' संजीवनी है, तो ‘आरक्षण' प्रायवायु!।” उच्चतम न्यायालय के एक अगस्त के एक फैसले में राज्यों को एससी एवं एसटी के बीच ‘क्रीमी लेयर' की पहचान करने के लिए एक नीति बनाने का निर्देश दिया।

एससी-एसटी आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर' के लिए कोई प्रावधान नहीं है
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को कहा कि भीम राव आंबेडकर के दिए संविधान में अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के आरक्षण में ‘मलाईदार तबके' (क्रीमी लेयर) के लिए कोई प्रावधान नहीं है।‘क्रीमी लेयर' का तात्पर्य एससी एवं एसटी समुदायों के उन लोगों और परिवारों से है जो उच्च आय वर्ग में आते हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णयों के बारे में संवाददाताओं को बताया था कि मंत्रिमंडल का यह सुविचारित मत है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार डॉ. आंबेडकर के दिए संविधान के प्रावधानों के प्रति प्रतिबद्ध है। वैष्णव ने कहा था, ‘‘बी आर आंबेडकर के दिए संविधान के अनुसार, एससी-एसटी आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर' के लिए कोई प्रावधान नहीं है।'' उन्होंने कहा था कि एससी-एसटी आरक्षण का प्रावधान संविधान के अनुरूप होना चाहिए।

 


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Content Writer

Ramkesh

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