मौलाना साजिद रशीदी ने दिया विवादित बयान, कहा- प्राइवेट मदरसों को सर्वे करने वाली टीम को चप्पलों से पीटो
punjabkesari.in Tuesday, Sep 13, 2022 - 06:43 PM (IST)

लखनऊ: ऑल इंडिया इमाम संघ के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने मदरसा सर्वे को लेकर आपत्तिजनक और भड़काऊ बयान दिया। उन्होंने अपने बयान में कहा कि प्राइवेट मदरसों को सर्वे करने वाली टीम को चप्पलों से पीटो और फिर उसे 2009 का कानून दिखाओं। मदसा सर्वे को लेकर इससे पहले ही ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ( AIMIM)के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी सवाल खड़े कर चुके है। उन्होंने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार केवल मुसलमानों को टारगेट कर रही है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में सरकारी, प्राइवेट स्कूलों की भी जांच कराए न कि केवल मदरसों की।
गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में मूलभूत सुविधाओं स्थिति जानना है उद्देश्य
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जानने के लिए उनका सर्वेक्षण करा रही है। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि सर्वेक्षण में मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या, पेयजल, फर्नीचर, विद्युत आपूर्ति तथा शौचालय की व्यवस्था, शिक्षकों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्रोत और किसी गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता से संबंधित सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी। पूछा गया कि क्या राज्य सरकार इस सर्वेक्षण के बाद नए मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू करेगी, तो राज्य मंत्री ने कहा कि अभी सरकार का मकसद सिर्फ गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में सूचनाएं इकट्ठा करना है।
प्रदेश में 16,461 मदरसे हैं 560 को सरकारी को मिल रहा है अनुदान
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त कुल 16,461 मदरसे हैं जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है। प्रदेश में पिछले छह साल से नए मदरसों को अनुदान सूची में नहीं लिया गया है। अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री ने बताया कि आज जारी आदेश के मुताबिक, अब मदरसों में प्रबंध समिति के विवादित होने या समिति के किसी सदस्य के अनुपस्थित होने की दशा में मदरसे के प्रधानाचार्य और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मृतक आश्रित कोटे से नियुक्तियां कर सकेंगे। इससे पहले, प्रबंध समिति में कोई समस्या होने पर मृतक आश्रित को नौकरी के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।