बाघंबरी मठ में महंत नरेंद्र गिरि हुए ब्रह्मलीन! पार्थिव शरीर को दी गई भू समाधि, गोपनीय रखी गई पूरी प्रक्रिया
punjabkesari.in Wednesday, Sep 22, 2021 - 03:29 PM (IST)

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhaada Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) के पार्थिव शरीर को बाघंबरी मठ में भू समाधि दी गई है। भू समाधि की प्रक्रिया को भगवा वस्त्र लगाकर गोपनीय रखा गया है। अब एक साल तक यह समाधि कच्ची ही रहेगी। इस पर शिव लिंग की स्थापना कर रोज पूजा अर्चना की जाएगी। इसके बाद समाधि को पक्का बनाया जाएगा।
13 आखाड़ों के प्रतिनिधि बांघबरी मठ में मौजूद हैं। मंत्रोच्चार के बीच संतों ने पुष्प वर्षा की। वहीं मौके पर साधु संतों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। महंत नरेंद्र गिरि को संगम तट पर त्रिवेणी के जल से नरेंद्र गिरि का विधि-विधान से स्नान कराया गया। वहीं अब उनके पार्थिव शरीर को लेटे हुए हनुमान मंदिर से बाघंबरी मठ पर ले जाया गया।
वहीं महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी ने महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि सुसाइड नोट पूरी तरह से फर्जी है। उसके उन शब्दों का इस्तेमाल किया है, जो महाराज कभी इस्तेमाल नहीं करते थे। कैलाशानंद ने सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जांच की मांग की है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी संगम तट पर मौजूद रहे। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुझे विश्वास नहीं है कि कोई संत आत्महत्या कर सकता है, भरोसा रखिए जांच के बाद छोड़ा जाएगा।
सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि उनकी समाधि नींबू के पेड़े के पास बनाई जाए। जिसके चलते ठीक उसी जगह पर मजदूर महंत नरेंद्र गिरि की समाधि बना रहे हैं। वहीं प्रशासनिक अमला भी मौके पर तैयारियों का जायाज ले रहा है। वहीं नरेंद्र गिरि को संगम में स्नान कराने के बाद मठ बाघंबरी गद्दी में उन्हें भू-समाधि दी जाएगी। बताया जा रहा है कि 12 बजे उन्हें भू-समाधि दे दी जाएगी।
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