BHU ने UP के 7 जिलों में लगवाई गिलोय की 600 नर्सरी, Immunity को करता  है मजबूत

punjabkesari.in Thursday, May 07, 2020 - 07:39 PM (IST)

प्रयागराजः खतरनाक कोरोना वायरस का संक्रमण देश में तेजी से बढ़ता जा रहा है। यह किसी को भी नहीं छोड़ रहा है। यहां तक की तमाम एहतियात बरतने के बावजूद भी आमजन के साथ ही डॉक्टर और पुलिस भी इसकी गिरफ्त में आ जा रहे हैं। वहीं हेल्थ एक्सपर्ट लोगों से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिएऐ कह रहे हैं। इसी दौरान काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी और मिर्जापुर मंडल के 7 जिलों में राष्ट्रीय औषधि गिलौय की नर्सरी लगवाई है।

BHU में चिकित्सा विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद संकाय के डीन और UP में गिलौय मिशन के परियोजना संयोजक डाक्टर वाई. बी. त्रिपाठी ने फोन पर बताया कि  प्रदेश में दो महीने से यह परियोजना चल रही है। ‘हमने लॉकडाउन के दौरान घर बैठे 500 किसानों से संपर्क कर उन्हें नर्सरी लगाने के लिए प्रेरित कर सात जिलों में गिलौय की 600 नर्सरी लगवाई है। यह वाराणसी मंडल के चार जिलों- वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली और मिर्जापुर मंडल के तीन जिलों- मिर्जापुर, सोनभद्र और भदोही में ये लगवाई गई हैं। लॉकडाउन खुलने पर सभाएं की जाएंगी, गिलौय के गुणों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा और गिलौय के दो लाख पौधों का निःशुल्क वितरण किया जाएगा।

राष्ट्रीय औषधि है गिलोय
गिलोय भारत की राष्ट्रीय औषधि है। होम्योपैथी में भी गिलोय से ख़ास दवाएं तैयार की जाती है। तीन प्रकार के एल्केलाइड- गिलोइनिन, ग्लूकोसाइड और बरबेरिन पाए जाते हैं जो श्वेत रक्त कणिकाओं (WBC) को बढ़ाते हैं और अधिक संख्या में WBC, शरीर की कोशिकाओं की रक्षा करते हैं और नई कोशिकाओं का निर्माण करते हैं। इसीलिए गिलौय को इम्यूनो बूस्टर भी कहा जाता है। जिससे जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां जैसे डायबिटीज, एलर्जी और अस्थमा का इलाज किया जाता है।

प्रतिदिन सुबह गिलोय का काढ़ा पिएं
गिलोय में बहुत से गुण हैं। इसलिए गिलोय को अमृता कहा जाता है। आंवले की तरह ही गिलोय या गुडुच भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बहुत मजबूत करता है और इसकी लता आसानी से कहीं भी लग जाती है। लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया जाएगा कि वे गिलोय का छह इंच डंठल तोड़कर उसका काढ़ा बनाएं और प्रतिदिन सुबह इसका सेवन करें ताकि उनका इम्यून सिस्टम मजबूत बने।


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Author

Moulshree Tripathi

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