चुनाव प्रचार के दौरान राममंदिर मुद्दे से दूरी बना सकती है भाजपा!

punjabkesari.in Monday, Sep 03, 2018 - 06:40 PM (IST)

लखनऊः चुनाव के दौरान अक्सर अयोध्या में राममंदिर निर्माण की वकालत करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी लोकसभा चुनाव में जनभावनाओं से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे से दूरी बना सकती है।

पार्टी सूत्रों ने सोमवार को बताया कि रामजन्मभूमि मसला उच्चतम न्यायालय में होने के चलते भाजपा आलाकमान  चुनाव प्रचार में इस मामले से परहेज करेगी। पार्टी को उम्मीद है कि न्यायालय का फैसला मंदिर के पक्ष में होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि राम मंदिर निर्माण प्रभु राम की इच्छा पर निर्भर करता था। इस दौरान उन्होने इशारा किया था कि मंदिर मुद्दे पर उनकी दवाब बनाने की कोई योजना नही है। दूसरी ओर प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सैनी राममंदिर भाजपा के एजेंडे में होने की अटकलों को सिरे से खारिज कर चुके हैं।

सैनी ने रविवार को एटा में पत्रकारों से कहा था कि राममंदिर पार्टी का एजेंडा नही है। हर बार पार्टी अपने एजेंडे में विकास के मुद्दे को तरजीह देती है और इस बार भी इसी को तवज्जो दी जायेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी साफ कर चुके है कि विकास ही एकमात्र मुद्दा होगा। हाल ही में सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि राममंदिर निर्माण का समाधान यदि अदालत से नही निकलता है तो उस दशा में भाजपा विधायिका के जरिये मसले के हल का प्रयास कर सकती है हालांकि बाद में उन्होने अपने बयान को वापस ले लिया था।

इस बीच संत समाज और हिन्दूवादी संगठन मंदिर निर्माण को लेकर केन्द्र सरकार पर दवाब बनाये हुये है। अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगडियाने इस सिलसिले में 21 अक्टूबर से लखनऊ से अयोध्या मार्च करने की घोषणा की है।

तोगडिया का कहना था कि सरकार द्वारका की तरह अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण की खातिर सरकार को अध्यादेश लाने की जरूरत है और अगर ऐसा नही हुआ तो उनका संगठन अयोध्या के लिये कूच करेगा।  


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Tamanna Bhardwaj

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