स्वामी प्रसाद मौर्य पर BJP सांसद निरहुआ का तंज, कहा- हम तो राम के वंशज, अपनी वे जाने
punjabkesari.in Saturday, Jan 28, 2023 - 03:46 PM (IST)
आजमगढ़: भोजपुरी सिनेमा जगत के जाने-माने एक्टर एवं आजमगढ़ से बीेजेपी सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर तंज कसा है। निरहुआ ने कहा कि हम तो भगवान श्रीराम के वंशज हैं। हम सनातन धर्म में पैदा हुए है। हमारे लिए तो रामचरितमानस और भगवान श्रीराम पूजनीय हैं। अगर किसी की कुछ निजी राय है तो वह जाने।उन्होंने कहा कि राजनीति में पक्ष और विपक्ष हमेशा रहा है और आगे भी रहेगा। विपक्ष का काम ही है विरोध करना। सरकार पर आरोप लगते रहेंगे लेकिन हमें आगे बढ़ना है। अपने काम को आगे बढ़ाना है। जिससे देश और प्रदेश की प्रगति हो।
संसदीय क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ शुक्रवार को आजमगढ़ दौरे पर थे। यहां निरहुआ जिले में सड़क मरम्मत की फर्जी रिपोर्ट पर भी सांसद गंभीर दिखे। जब उनसे पूछा गया कि 479 सड़कों की जांच में 104 सड़कों की फर्जी रिपोर्ट भेजने का मामला संज्ञान में आया है। इस मामले में क्या कार्रवाई हुई। सांसद ने कहा कि जांच चल रही है। जल्द ही कार्रवाई होगी और 100 % होगी। विकास के किसी कार्य में इस तरह का खेल नहीं होने दिया जाएगा।
जल्द आजमगढ़ एयरपोर्ट का शुभारंभ करेंगे सीएम योगी
सांसद ने कहा कि हम सभी का प्रयास है कि विकास कार्य तेजी से हों। जो काम रुके हैं वे जल्दी से पूरे हो जाएं। जिले का विकास हो, इसके लिए हम दिल्ली तक दौड़ते हैं। हर जगह से हर काम कराकर लाते हैं। इसके बाद भी यदि लापरवाही पाई जाएगी तो जो दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि रिजिनल कनेक्टिविटी योजना के तहत मंदुरी एयरपोर्ट से उड़ान के लिए लाइसेंस मिल गया है। जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आएंगे और शुभारंभ करेंगे। अब उड़ान शुरू होने में देरी नहीं होगी।
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स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान...
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर निशाने पर आए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। मौर्य के इस बयान को लेकर हिन्दू संगठन, कई नेता और संत समाज ने कड़ा विरोध किया है।