SIR का काम करते-करते BLO हुआ बेहोश, ब्रेन हैमरेज से हुई मौत, परिजन बोले- ड्यूटी को लेकर अफसर बना रहे थे मानसिक दबाव
punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 04:59 PM (IST)
लखनऊ: मलिहाबाद के सरांवा गांव स्थित प्राइमरी स्कूल में तैनात 50 वर्षीय शिक्षा मित्र विजय कुमार वर्मा की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि वह मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) कार्य में अत्यधिक मानसिक दबाव के कारण बीमार पड़े और अंततः उनकी जान चली गई। इस घटना ने प्रशासनिक सिस्टम और जमीनी स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों पर पड़ने वाले दबाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बेहोश होकर गिरे, अस्पताल में हुई मौत
मृतक की पत्नी संगीता वर्मा ने बताया कि 15 नवंबर की शाम विजय कुमार बीएलओ के रूप में SIR कार्य कर रहे थे। इसी दौरान वे अचानक घर में बेहोश होकर गिर पड़े। परिजन उन्हें तत्काल अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने ब्रेन हेमरेज होने की पुष्टि की। करीब एक सप्ताह तक इलाज चलने के बाद शुक्रवार रात लगभग 9 बजे उनकी मौत हो गई। पत्नी का कहना है कि विजय कुमार को रोजाना लंबे समय तक मोबाइल पर डेटा भरना पड़ता था। वे कई-कई घंटे बिना आराम काम करते थे, जिससे नींद प्रभावित हुई और मानसिक तनाव बढ़ता गया।
परिजनों का आरोप: अत्यधिक दबाव से टूट चुके थे विजय
परिवार का कहना है कि उच्च अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन बड़ी संख्या में SIR फॉर्म भरने का निर्देश दिया जाता था, जिसे पूरा न कर पाने का दबाव विजय कुमार पर भारी पड़ रहा था। परिजनों ने कहा कि इसी तनाव में उनकी तबीयत बिगड़ी और अंततः उनकी मृत्यु हो गई।
प्रशासन का पक्ष तबीयत बिगड़ने पर दिया गया था अवकाश
वहीं प्रशासन ने अपने बयान में परिजनों के आरोपों से इंकार किया है। प्रशासन का कहना है कि विजय कुमार की तबीयत खराब होने पर उन्हें SIR कार्य से अवकाश प्रदान कर दिया गया था। हालांकि परिजनों का दावा है कि तबीयत खराब होने से पहले तक लगातार कार्य का दबाव उन पर बना हुआ था।
शिक्षा मित्र संघ ने उठाई आवाज, कई मांगें रखीं
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने इस घटना को “दबाव में काम करने की मजबूरी” का परिणाम बताया है। संघ का कहना है कि बीएलओ से प्रतिदिन 200 SIR फॉर्म भरने का दबाव बनाया जा रहा था। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में धान कटाई का मौसम, लोगों की अनुपलब्धता और सीमित संसाधनों के कारण बीएलओ एक दिन में 20–25 फॉर्म ही भर पाते हैं। संघ के अनुसार, इसी “अव्यावहारिक और अनुचित” दबाव ने विजय कुमार वर्मा की जान ले ली। संघ ने मृतक के बेटे हर्षित को सरकारी नौकरी, बीएलओ पर दबाव न बनाए जाने और फील्ड कर्मियों को बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने की मांग करते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।

