रोजे में होली का जश्न... रामपुर के मुस्लिमों ने कायम की मिसाल, हिंदू भाई-बहनों के साथ मिलकर खेली फूलों की होली
punjabkesari.in Tuesday, Mar 11, 2025 - 02:33 AM (IST)

Rampur News, (रवि शंकर): होली के पावन पर्व पर विवादित बयानों की बाढ़ आ गई है कोई कहता है कि जिसे होली नहीं खेलना वह घरों में रहे, नमाज ना पढ़े लेकिन रामपुर में मुसलमानों ने रोजा रखकर होली का जश्न मनाया और एक ऐसी मिसाल कायम की जिससे एक बार फिर साबित हुआ के त्यौहार आपसी मोहब्बत बढ़ाने के लिए होते हैं नफरतें बढ़ाने के लिए नहीं।
हिंदू भाई बहन और बच्चों के साथ मिलकर खेली फूलों की होली
बता दें कि अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान के साथ मुस्लिम समुदाय के लोगो ने रमजान का रोजा रख कर सभी हिंदू भाई बहनों के साथ मिलकर होली का जश्न मनाया। रामपुर के अंबेडकर पार्क में मुस्लिम समुदाय के लोग इकट्ठा हुए और सभी हिंदू भाई बहन और बच्चों के साथ मिलकर फूलों की होली खेली और एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की बधाई दी। वहीं मीडिया से बात करते हुए फरहत अली खान ने बताया कि होली का पावन पर्व और रमजान का मुबारक महीना इससे खूबसूरत त्यौहार हो ही नहीं सकता। हम लोग परंपरागत होली खेलते हैं और यह परंपरा सूफी संतों और नवाबों की महत्वपूर्ण परंपरा थी। उन्होंने कहा मेरा और यहां आए हुए मेरे बच्चों और सभी लोगों का रोजा था। रामपुर गंगा जमुनी तहजीब का त्यौहार है और इन्हीं से मोहब्बत के संदेश निकलते हैं।
"दिलों को मिलने का मौसम है दूरियां मिटाने का मौसम है, होली का त्यौहार ही ऐसा है रंगों में डूब जाने का मौसम है"
इस विषय पर मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि होली का पावन पर्व रमजान के महीने में आया जब मुसलमान का भी मुबारक महीना है और होली का भी पर्व हो तो इससे खूबसूरत त्यौहार दोनों हो नहीं सकते जैसे होली के रंग आपस में मिल जाते हैं। ऐसा लगता है हिंदू और मुसलमान के त्यौहार भी इस रंग में एक रंग हो गए हैं। हम लोग परंपरागत होली खेलते हैं और रामपुर से अमन का भाईचारे का एक संदेश जाता है। यह परंपरा सूफी संतों, नवाबों की महत्वपूर्ण परंपरा थी नफरतों के दीपों को बुझाकर मोहब्बत की रोशनी को फैलाओ यह हमारा पैगाम है। एक शेर आपके लिए कह देता हूं "दिलों को मिलने का मौसम है दूरियां मिटाने का मौसम है, होली का त्यौहार ही ऐसा है रंगों में डूब जाने का मौसम है", सभी देशवासियों को आपके चैनल के माध्यम से बहुत-बहुत शुभकामनाएं। यह पूछे जाने पर की आप मुस्लिम समुदाय से आते हैं और रमजान का रोजा भी है? इस पर फरहत अली खान ने बताया,, इससे खूबसूरत और क्या पैगाम हो सकता है रोजा हो और होली का रंग हो यह खाली हिंदुस्तान से ही पूरी दुनिया में जा सकता है तमाम दुनिया में बैठे हुए लोग जो होली को नहीं जानते हैं रमजान के मुबारक महीने में वह भी इस खुशनुमा त्यौहार को जान जाएंगे।
यह पूछे जाने पर की आपने होली खेली है तो क्या रोजा भी है?
इस पर फरहत अली खान ने बताया कि मेरा रोज भी है और मेरे साथ मेरे बच्चे थे जो यहां लोग आए थे सबके रोजे थे। रामपुर गंगा जमुनी तहजीब का त्यौहार है और इन्हीं से मोहब्बत के संदेश निकलते हैं रमजान की मुबारकबाद और जो कुछ दिन बाद होली का पर्व है उसकी भी बहुत-बहुत मुबारकबाद।