Hamirpur में आज तक उजागर नहीं हो सका चंदेलकालीन ‘शिव मंदिर का इतिहास’, जानिए क्या है खास रहस्य…VIDEO

punjabkesari.in Tuesday, Aug 29, 2023 - 12:08 AM (IST)

हमीरपुर जिले के 60 किलोमीटर दूर सरीला कस्बे में शल्लेश्वर मंदिर लोगों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है...चंदेलकालीन इस शिव मंदिर के गर्त में तमाम ऐतिहासिक रहस्य समाए हुए हैं... मंदिर के मुख्य द्वार पर लगा शिलालेख आज तक कोई पढ़ नहीं सका है...शिव मंदिर का रख-रखाव समिति करती है...श्रावण माह में यहां पूजा अर्चन करने वालों का तांता लगा रहता है और महाशिवरात्रि पर शिव मंदिर में शिवलिंग पर ब्रह्म मूर्त में शिवभक्तों का तांता लगा रहता है...दरअसल बताया जाता है कि ब्लाक रोड पर मंदिर से करीब एक किमी दूर एक प्राचीन कुआं है...जिसे शल्लऊ कुआं कहा जाता है...शल्लेश्वर मंदिर से इसका जल मार्ग जुड़ा हुआ है....लेकिन मंदिर में कहा छेद है...यह आज तक कोई ढूंढ नहीं पाया…

मंदिर के शिवलिंग पर होने वाले दूध और जलाभिषेक इस गुप्त रास्ते से कुंए में आता है... लोगों की मान्यता है कि इस कुंए में नहाने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं...लोग दैनिक प्रयोग और पीने में भी इस पानी का प्रयोग करते हैं...कस्बे के लोगों ने इसका जीर्णोद्धार करा दिया है...शल्लेश्वर मंदिर समिति द्वारा कराया गया मंदिर बहुत प्राचीन है...निर्माण किसने और कब कराया सब कुछ गर्त में है... कोई चंदेलकालीन तो कोई इसे राजा शल्य की राजधानी का मंदिर बताते हैं...

शल्लेश्वर मंदिर में इस साल कस्बे के लोगों के सहयोग से नगर सांस्कृतिक समिति और मंदिर समिति द्वारा सावन के अंतिम सोमवार से सवा लाख पार्थिव शिवलिंग बनाने और शिवपुराण का आयोजन किया है...जिसके लिए मंदिर में शिव भक्तों की खासी भीड़ उमड़ रही है...

 


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Content Writer

Mamta Yadav

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