दलित दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ बारात निकालने की कोर्ट ने नहीं दी अनुमति, जानिए पूरा मामला

punjabkesari.in Tuesday, Apr 03, 2018 - 08:10 AM (IST)

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कासगंज के निजामपुर गांव में दलित युवक को घोड़ी पर चढ़कर बारात निकालने की मांग नहीं मानी। न्यायालय ने कहा कि वह ऐसा आदेश नहीं दे सकती। न्यायालय ने याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि याची को किसी प्रकार की परेशानी है तो वह मुकदमा दर्ज करा सकता है अथवा ऐसा न होने पर मजिस्ट्रेट के समक्ष अर्जी दायर कर कार्रवाई की मांग कर सकता है।

न्यायालय ने कहा कि वह याचिका में इस प्रकार की अनुमति याची को नहीं दे सकता।  न्यायमूर्ति रणविजय सिंह और न्यायमूर्ति शशिकांत की डिवीजन बेंच ने दूल्हे संजय कुमार की अर्जी को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया। 20 अप्रैल को कासगंज के निजामपुर गांव की शीतल से दलित संजय की शादी होनी है।

जिला प्रशासन ने दूल्हे की मांग के खिलाफ न्यायालय को जानकारी उपलब्ध कराई थी कि ऐसा करने से वहां का स्थानीय माहौल बिगड़ सकता है। स्थानीय प्रशासन की रिपोर्ट पर न्यायालय ने याची को राहत नहीं दी। न्यायालय ने कहा कि याचिका पर अलग से कोई आदेश जारी करने का औचित्य नहीं है। अगर दूल्हे या लड़की पक्ष के लोगों से कोई जोर-जबरदस्ती करे तो वह पुलिस में इसकी शिकायत कर सकते हैं।

गौरतलब है कि कासगंज के निजामपुर गांव में आज तक दलित दूल्हा घोड़ी चढ़ कर बारात नहीं निकली है। दूल्हा संजय कुमार अपनी बारात निकालना चाहता था। इस कारण उसने न्यायालय की शरण ली थी। उसका कहना था कि स्थानीय सवर्ण उसके इस काम का विरोध कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन ने भी बारात निकालने की अनुमति से पहले ही इंकार किया है। कानून-व्यवस्था का हवाला देकर स्थानीय प्रशासन ने घोड़ी चढ़ बारात निकालने से इंकार किया था जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी।


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