‘मॉब लिंचिंग'' के विरोध में लखनऊ में हुआ प्रदर्शन

punjabkesari.in Thursday, Jun 27, 2019 - 01:40 PM (IST)

लखनऊः संप्रदाय विशेष के नागरिकों पर कथित अराजक समूहों द्वारा हमलों (मॉब लिंचिंग) के विरोध में बुधवार की शाम सामाजिक संगठनों ने लखनऊ के घंटाघर हुसैनाबाद में प्रदर्शन किया। इस दौरान कहा गया कि राज्य की सरकारों ने अगर मॉब लिचिंग पर सख्त कार्रवाई नहीं की तो ना सिर्फ देश की अखंडता पर खतरा गहरा जाएगा बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास जीतने का लक्ष्य भी टूट जाएगा।

ऐसे में यह जरूरी है कि मॉब लिंचिंग के दोषियों पर सख्त कार्रवाई के लिए नया कानून बनाया जाए। सपा नेता अमीक जामेई ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों के साथ मॉबलिचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। प्रदेश में दलित पिछडे़ और मुसलमानो के एंकाउटंर हो रहे हैं। झारखंड मे तबरेज अंसारी की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या का ताजा मामला सरकार की कानून व्यवस्था की पोल खोलता है।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा मॉबलिंचिंग की रोकथाम के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों को राज्यों में अभी तक लागू क्यों नहीं किया गया है? एसआईओ यूपी सेंट्रल के प्रांतीय अध्यक्ष मोहम्मद राशिद ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को भीड़ द्वारा इतनी बर्बरता और अमानवीयता के साथ सिर्फ इसलिए हत्या कर दी जाए क्योंकि वह एक विशेष समुदाय से संबंध रखता था, अत्यंत निंदनीय है। यह सिर्फ एक व्यक्ति नहीं है जो मारा गया है, यह हमारी सामूहिक नैतिकता और कानून के राज पर हमला है।

आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ कलहंस ने कहा कि भीड़ की इस हिंसा पर सत्ताधीशों की चुप्पी चिंता का विषय है। माब लिंचिंग की घटनाओं के आरोपियों को सत्ता में बैठे लोग सम्मानित कर रहे हैं। दुखद तो ये है कि नागरिक समाज की ओर से भी इसका कायदे से विरोध नहीं हो रहा है। अंत में शांतिपूर्ण तरीके से घंटाघर से रूमी गेट तक पैदल मार्च निकाल कर सभी लोगों ने विरोध दर्ज कराया। उसके बाद जिलाधिकारी के घर जाकर ज्ञापन सौंपा गया।




 


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Tamanna Bhardwaj

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