इलाहाबाद HC का बड़ा फैसला, ट्रैक्टर मालिक किसानों को अब नहीं देना होगा 10 लाख का पसर्नल बॉन्ड और जमानत
punjabkesari.in Wednesday, Feb 03, 2021 - 10:02 AM (IST)
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने मंगलवार को सीआरपीसी के तहत ट्रैक्टर मालिक किसानों को नोटिस जारी करने के मामले में राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता वीके साही के बयान पर भरोसा करते हुए एक याचिका का निस्तारण कर दिया है। अदालत ने स्पष्ट रूप से प्रशासन से कहा कि वह किसानों से इतनी बड़ी राशि के निजी मुचलके ना मांगे।
अपर महाधिवक्ता वीके साही ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में उपस्थित होकर कहा कि वह सीतापुर के जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारियों को निर्देश देंगे कि इस तरह के कार्य की पुनरावृत्ति न हो। सीतापुर जिले में उप जिलाधिकारियों ने किसान आंदोलन के चलते कानून-व्यवस्था के उल्लंघन और शांति भंग की आशंका जताकर ट्रैक्टर मालिक किसानों को 50 हजार रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक के व्यक्तिगत बंध पत्र और जमानत राशि के प्रावधान के निर्देश दिए थे।
मंगलवार को न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति राजीव सिंह की पीठ ने अरुंधति धुरू की ओर से दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया। इस याचिका में ट्रैक्टर मालिकों को नोटिस जारी करने को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने सीतापुर के जिलाधिकारी और उनके मातहत उप जिलाधिकारियों को भविष्य में किसानों से बड़ी धनराशि के बंध पत्र मांगने जैसे आदेश पारित नहीं करने की चेतावनी दी है।
खंडपीठ के पूर्व के आदेश की कड़ी में अपर महाधिवक्ता वीके साही ने मंगलवार को पेश होकर बताया कि ट्रैक्टर किसानों को जारी नोटिस के तहत शुरू की गई प्रक्रिया को अब समाप्त कर दिया गया है क्योंकि अब उनसे शांति भंग की आशंका नहीं है। हालांकि अदालत उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुई, जिस पर साही ने आश्वासन दिया कि वह सीतापुर के जिलाधिकारी और सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देश देंगे कि आगे से इस प्रकार की कार्रवाई ना करें। इसके बाद अदालत ने याचिका का निस्तारण कर दिया।