दुनिया में धाक जमाने वाले वैज्ञानिक डॉक्टर सरोज हमेशा जुड़े रहे गांव से, अमेरिका में उनके नाम है 5 पेटेंट

punjabkesari.in Saturday, Jan 09, 2021 - 05:32 PM (IST)

जौनपुर: कहते हैं कि प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती इसका प्रमाण है प्रख्यात वैज्ञानिक डॉक्टर सरोज मिश्र। 1970 के दशक में जौनपुर जिले के बक्सा ब्लॉक के चुरामनपुर गांव से अमेरिका पहुंचे तो अपनी प्रतिभा से न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया में धाक जमाई। नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर ( ह्यूस्टन ) के विभागाध्यक्ष तक की कुर्सी को सुशोभित किया । डॉक्टर सरोज ने अंतरिक्ष स्टेशन का एनवायरमेंटल सिस्टम का डिजाइन तैयार कर उपलब्धि हासिल की ।

बता दें कि नासा ने तीन बार इन्हें बेस्ट एक्टर अवॉर्ड से नवाजा । नासा के बाद वह यूनिवर्सिटीज स्पेस रिसर्च एसोसिएशन नासा में वरिष्ठ वैज्ञानिक व तत्पश्चात यूनिवर्सिटी आफ ह्यूस्टन में माइक्रो बायोलाजी प्रोफेसर के तौर पर सेवा देकर 2018 में उन्होंने अवकाश ग्रहण किया । उनके नाम अमेरिका में पांच पेटेंट हैं। डा. सरोज का जन्म एक सितंबर 1945 को हुआ। वे प्रख्यात वैद्य पंडित उदरेज मिश्र के तीन पुत्रों में दूसरे नंबर पर हैं। गांव की पाठशाला में प्राथमिक शिक्षा, श्रीनारायण सिन्हा इंटर कालेज सरायहरखू से हाईस्कूल, राजा श्रीकृष्ण दत्त कालेज से इंटर, टीडी कालेज से बीएससी और 1966 में बीएचयू से परास्नातक किया। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से मेडिकल माइक्रो बायोलाजी में पीएचडी की। दिल्ली से जर्मनी जाकर प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थान राबटर् काक इंस्टीट्यूट बर्लिन में 1976 तक पोस्ट डाक्टोरेल किया।

जर्मन सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान व फेलोशिप प्रदान किया। अमेरिका जाकर न्यू जर्सी के यूनिवर्सिटी आफ रूटजर्स से दूसरा पोस्ट डाक्टोरेल किया। जर्मनी के मिनिस्ट्री आफ हेल्थ ने वर्ष 1979 में राबटर् काक इंस्टीट्यूट में वरिष्ठ वैज्ञानिक व असिस्टेंट डायरेक्टर नियुक्त किए गए। 1984 में फिर अमेरिका गए और मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर शोध कार्य किया। पुरस्कार स्वरूप उन्हें नासा में माइक्रोबायोलाजी स्पेस स्टेट की प्रयोगशाला निदेशक बने। 2000 तक वे नासा में वरिष्ठ वैज्ञानिक रहे। फिर यूनिवर्सिटीज स्पेस रिसर्च एसोसिएशन नासा में वरिष्ठ वैज्ञानिक व ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में माइक्रोबायोलाजी के प्रोफेसर बने।              

डॉ सरोज मिश्र के भतीजे एवं वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर मनोज मिश्र ने यह जानकारी देते हुए कहा कि उनकी पुस्तक ए कंसाइज मैनुअल आफ पैथाजेनिक (माइक्रोबायोलाजी) ने अमेरिका के शोध विद्यार्थियों में धूम मचा दी। उन्होंने विश्वविख्यात विज्ञान शोध पत्रिका करेंट माइक्रोबायोलाजी का संपादन भी किया। पत्नी डा. जया भी ह्यूस्टन कम्युनिटी कालेज ह्यूस्टन टेक्सास में बायोलाजी की प्रोफेसर रहीं। पुत्री अंजलिका ह्यूस्टन में एक नामी कंपनी की सीईओ है। बुलंदियां के बाद भी प्रोफेसर डा. सरोज का गांव से लगाव बना हुआ है।


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Moulshree Tripathi

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