मंत्री जितिन प्रसाद और मयंकेश्वर सिंह के दौरे के चलते छुट्टा जानवरों को सरकारी दफ्तर में किया गया बंद, भड़के ग्रामीण
punjabkesari.in Monday, Sep 05, 2022 - 01:55 PM (IST)
लखीमपुर खीरीः यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के दौरे पर यूपी के दो मंत्रियों का काफिला निकला था। इसके लिए प्रशासन ने पहले से सड़कों पर खड़े आवारा पशुओं को एक ब्लॉक में बंद कर दिया। जिसके लिए सफाई कर्मियों की टीम लगाई गई, ताकि एक भी पशु सड़क पर न दिखाई दे। वही इसी बात को लेकर ग्रामीणों ने सरकार प्रति रोष प्रकट किया है।
बता दें कि मामला लखीमपुर खीरी जिले का है। जहां यूपी सरकार के मंत्री मयंकेश्वर सिंह और जितिन प्रसाद पहुंचे, तो उनके आने से पहले ही सड़कों पर टहल रहे छुट्टा जानवरों को सरकारी सफाई कर्मियों ने एक ब्लॉक में नजरबंद कर दिया था। जानकारी के अनुसार पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर सिंह लखीमपुर खीरी जिले के दो दिवसीय दौरे के बाद पलिया कस्बे से लखनऊ आ रहे थे। इसी दौरान जितिन प्रसाद भीरा कस्बे होते हुए शाहजहांपुर की ओर चले गए,लेकिन मयंकेश्वर सिंह लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
लाख कोशिशों के बाद भी मंत्री की गाड़ी के सामने आए जानवर, जाम में फसे मंत्री
दरअसल जब भीरा थाना क्षेत्र के बिझुआ कस्बे में मंत्री का काफिला निकलना था, तो उसके पहले हाईवे पर जितने भी आवारा पशु थे उनको सरकारी सफाई कर्मियों की सहायता से एक ब्लॉक में नजरबंद करवा दिया गया, लेकिन फिर भी कुछ जानवर सड़क पर मयंकेश्वर सिंह की कार के सामने आ ही गए। जिसकी वजह से मंत्री को कुछ देर के सेकेंडों के लिए रुकना पड़ा। आनन-फानन में पशुओं को सड़क से हटाया गया, तब जाकर मंत्रियों को निकलने का मौका मिला। वहीं इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कैसे सफाईकर्मी हाथों में डंडा लिए आवारा पशुओं के पीछे घूम रहे हैं, ताकि वो सड़क पर जा रहे मंत्री के काफिले के सामने न आ जाएं।
ग्रामीणों ने सरकार के प्रति जताया रोष
यूपी से एक स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि,'पूरे जिले के सफाईकर्मियों को पशुओं को बंद करने में लगा रखा था, ताकि सड़कों पर जानवर ना दिखाई दें। सभी जानवरों को कई ब्लॉकों में बंद कर दिया गया। जानवर जो काश्तकारों का नुकसान कर रहे हैं, उसपर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। प्रशासन की एक गाड़ी निकालने के लिए सभी जानवरों को ब्लाक में बंद कर दिया गया। वहीं ये जानवर अगर कास्तकारों का खेत चर जाएं तो कोई सुनने वाला नहीं है इस हिंदुस्तान में'।