चुनाव आयोग की पाबंदियों का दिखा असरः 11 दिनों में 85 करोड़ कीमत के उपहार, शराब और नगदी बरामद

punjabkesari.in Thursday, Mar 28, 2024 - 03:52 PM (IST)

लखनऊ: 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान आचार संहिता के अनुपालन में चुनाव आयोग लगातार कार्रवाइयां कर रहा है। अबतक लगभग 85 करोड़ रुपए की बहुमूल्य धातुएं, उपहार और नगदी बरामद की जा चुकी है। लेकिन विगत दो लोकसभा चुनावों को अगर गौर किया जाए तो इस बार इस तरह की अवैध गतिविधि कम नजर आ रही है। चुनाव प्रचार का आरंभिक दौर होने के कारण अभी अंतिम रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन कार्रवाइयों और परिणामों से प्रतीत हो रहा है कि आयोग ने मतदाताओं को अवैध नगदी और उपहार के लेनदेन में काफी अंकुश लगाया है।

2019 के चुनाव में 3449 करोड़ पहुंचा आंकड़ा
आयोग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान छापेमारी और बैरियर लगाकर जो बरामदगी की गई थी, वह 12 सौ करोड़ थी। आयोग के मुताबिक इन 12 सौ करोड़ रुपए में बहुमूल्य वस्तुएं, शराब और नगदी थी। जबकि 2019 के चुनाव में यह आंकड़ा अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 3449 करोड़ पहुंच गया। यह आश्यर्चजनक इसलिए भी था क्योंकि चुनाव के कुछ समय पहले ही नोटबंदी हुई थी। ऐसे में इतने बड़े पैमाने पर बरामदगी हर किसी को चौंका रही थी।

चुनावों के दौरान हर दिन करोड़ों रुपये कैश बरामद किया जाता है.
अब तक लगभग 85 करोड़ रुपए कीमत की बहुमूल्य उपहार, शराब और नगदी बरामद
2024 के लोकसभा चुनाव में भी आयोग के निर्देश पर पूरे प्रदेश भर में लगातार धर-पकड़ हो रही है। आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक लगभग 85 करोड़ रुपए कीमत की बहुमूल्य उपहार, शराब और नगदी बरामद की जा चुकी है। पूर्व में हुए चुनावों के आंकड़ों से अगर तुलना करें, तो इस रकम से यह प्रतीत हो रहा है कि आयोग की सख्ती का असर हो रहा है।

आयोग का भय प्रत्याशियों में आया नजर
प्रत्याशियों में आयोग का भय बढ़ा है। विगत सोमवार को आयोग द्वारा की गई कार्रवाई के बाद जारी किए गए आंकड़ों पर अगर गौर करें तो नगदी बांटने एवं अन्य मामलों में 13 एफआईआर दर्ज कराए गए। लेकिन बरामदगी का आंकड़ा नहीं बताया गया। इसका मतलब है कि कोई खास बरामदगी नहीं हुई। हालांकि बुधवार की देर शाम जारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक कुल 85 करोड़ रुपए कीमत के उपहार, शराब और नगदी बरामद की जा चुकी है। प्रथम चरण के मतदान को कुल 22 दिन शेष रह गए हैं। इन 22 दिनों तक अगर आयोग ऐसे ही सख्ती कर ले गया तो चुनावों में नगदी और उपहार बांटने के  सिलसिले में काफी अंकुश लग जाएगा। यह एक सकारात्मक संदेश भी है।


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Content Writer

Ajay kumar

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