घड़ियाल की लुप्त होती प्रजाति को बचाने में जुटा वन विभाग, गंगा नदी में घड़ियाल के छोड़े 75 बच्चे

punjabkesari.in Sunday, Mar 10, 2024 - 01:55 PM (IST)

मेरठ: घड़ियाल के 75 बच्चों को शनिवार को मेरठ के मखदूमपुर घाट से गंगा नदी में छोड़ा गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) राजेश कुमार ने बताया कि घड़ियाल के इन बच्चों को घड़ियाल पुनर्वास केंद्र कुकरैल लखनऊ से लाया गया था। कुमार ने बताया कि घड़ियाल की लुप्त होती प्रजाति को बचाने के लिए विश्व प्रकृति निधि भारत एवं वन विभाग के तत्वावधान में संयुक्त रूप से एक योजना संचालित की जा रही है।

PunjabKesari

अधिकारियों के मुताबिक, सभी घड़ियालों का जन्म 2021 में हुआ और इनकी उम्र लगभग तीन साल है। उन्होंने बताया कि 58 मादा और 17 नर घड़ियाल नदी में छोड़े गए हैं। इनकी लंबाई 120 से 137 सेंटीमीटर व वजन 5.4 से 6.2 किलोग्राम तक है।

आप को बता दें कि भारत की भूमि वनस्पतियों और जीवों की असंख्य प्रजातियों का घर है। उनमें से कुछ लुप्तप्राय हैं और कुछ गंभीर रूप से लुप्तप्राय वन्यजीव प्रजातियाँ हैं। भारत में विलुप्त प्रजातियां में काला हिरन , मगरमच्छ, भारतीय जंगली गधा, भारतीय गैंडे, शेर-पूंछ वाले लंगूर हैं का नाम शामिल है। वन विभाग की मानें तो 1500 ईस्वी के बाद से लगभग 733 जानवर (ज्यादातर कशेरुक और मोलस्क) और 110 पौधों की प्रजातियाँ (फूल वाले पौधे और पौधों के निचले समूह) और एक लाल शैवाल जंगल में विलुप्त हो गए हैं।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramkesh

Recommended News

Related News

static