गैंगरेप के आरोप में पूर्व विधायक तजेंद्र सागर की जमानत रद्द, आत्मसमर्पण करने के दिए निर्देश

punjabkesari.in Tuesday, Mar 26, 2019 - 11:42 AM (IST)

प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बदायूं के बिल्सी क्षेत्र से विधायक रहे तजेंद्र सागर उर्फ योगेंद्र सागर की जमानत सोमवार को रद्द कर दी और एक अप्रैल, 2019 तक पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। आत्मसमर्पण न करने पर पुलिस उसे तत्काल गिरफ्तार करेगी। पूर्व विधायक के खिलाफ आरोप है कि वह 2008 में सामूहिक बलात्कार के एक मामले में शामिल था। इस मामले में बदायूं जिले के बिल्सी पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी। पीड़ित के पिता द्वारा दायर जमानत रद्द करने की अर्जी पर न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने जमानत रद्द करने का आदेश पारित किया।

एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि 23 अप्रैल, 2008 को पीड़िता बीए की परीक्षा देने गई थी और कॉलेज जाते समय उसे तत्कालीन विधायक ने अपने साथी नीरज शर्मा की मदद से जबरदस्ती एक कार में बैठा लिया। युवती को नशीला पदार्थ खिलाया गया और चलती कार में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। जमानत रद्द करने की अर्जी में आरोप लगाया गया कि पूर्व विधायक तजेंद्र सागर ने मई, 2014 में आत्मसमर्पण कर दिया और इसके तीन दिन के भीतर ही उसे जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद आरोपी निचली अदालत के समक्ष पेश नहीं हुआ जिसकी वजह से उसके खिलाफ आपराधिक मामले की सुनवाई अब भी लंबित है।   

रिकॉर्ड देखने के बाद अदालत ने पाया कि निचली अदालत द्वारा गैर जमानती वारंट जारी किए जाने के कई वर्षों बाद भी वह फरार है और पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी और जब मार्च, 2014 में उच्च न्यायालय ने पुलिस के आला अधिकारियों को या तो अदालत के समक्ष पेश होने या फिर आरोपी को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया तब आरोपी ने अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया और उसे अदालत द्वारा तीन दिनों के भीतर जमानत दे दी गई। अदालत ने कहा, हालांकि पूर्व विधायक के जमानत पर रिहा होने के पांच साल बाद भी इस मामले की सुनवाई पूरी नहीं की जा सकी और यह जमानत के दुरुपयोग का सटीक मामला बनता है। इसलिए पूर्व विधायक को दी गई जमानत रद्द किए जाने योग्य है।                      


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Ruby

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