Menstrual masking: ये कैसा Trend है? खूबसूरत दिखने के लिए चेहरे पर Period का Blood लगा रही लड़कियां-महिलाएं!

punjabkesari.in Wednesday, Nov 26, 2025 - 07:35 PM (IST)

Menstrual masking Trend : सोशल मीडिया पर आजकल एक नया और चौंकाने वाला DIY स्किनकेयर ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है। जिसे मेंस्ट्रुअल मास्किंग का नाम दिया गया है। इसमें महिलाएं अपने पीरियड्स के खून को चेहरे पर मास्क की तरह लगाती हैं और दावा करती हैं कि इससे चेहरे पर एक्स्ट्रा ग्लो आता है।

क्या है Menstrual masking ?
इस ट्रेंड में महिलाएं अपने मासिक धर्म के खून को चेहरे पर कुछ मिनट तक लगाकर छोड़ देती हैं और बाद में धो देती हैं। समर्थकों का कहना है कि पीरियड्स ब्लड में मौजूद स्टेम सेल, साइटोकाइन, प्रोटीन स्किन को रीजनरेट करने में मदद करते हैं और चेहरे पर "नेचुरल ग्लो" लाते हैं। हालांकि यह तरीका रेगुलेटेड नहीं है और इस पर कोई क्लिनिकल गाइडलाइन मौजूद नहीं है।

रिसर्च में क्या मिला?
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन सोसाइटीज फॉर एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी (FASEB) की एक स्टडी में दावा किया गया है कि पीरियड्स ब्लड से निकला प्लाज़्मा टिशू रिपेयर में तेजी से मदद कर सकता है। लैब टेस्ट में मेंस्ट्रुअल प्लाज़्मा से ट्रीट किए गए घाव 24 घंटे में 100% ठीक हुए। जबकि सामान्य ब्लड प्लाज़्मा से ऐसे घाव केवल 40% ही ठीक हो सके। रिसर्चर्स मानते हैं कि इसमें मौजूद बायोएक्टिव मॉलिक्यूल्स और प्रोटीन ऐसी हीलिंग क्षमता देते हैं, जो हर महीने गर्भाशय को खुद को दोबारा बनाने में मदद करते हैं। 

वैम्पायर फेशियल से तुलना
कुछ ब्यूटी उत्साही इस ट्रेंड की तुलना मशहूर ‘वैम्पायर फेशियल’ से कर रहे हैं, जहां मरीज़ के अपने खून से प्लेटलेट-रिच प्लाज़्मा (PRP) लेकर चेहरे में इंजेक्ट किया जाता है। यह प्रोसीजर तब चर्चा में आया था जब किम कार्दशियन ने इसे पब्लिक किया था।

क्या सच में सुरक्षित है मेंस्ट्रुअल मास्किंग?
हालांकि शुरुआती लैब रिसर्च उत्साहजनक है, पर त्वचा विशेषज्ञों ने ऐसा DIY प्रयोग करने से सावधान रहने की सलाह दी है। मेंस्ट्रुअल ब्लड में संक्रमण का जोखिम भी हो सकता है। इस ट्रेंड पर अभी तक लॉन्ग-टर्म वैज्ञानिक स्टडी उपलब्ध नहीं है। फिर भी सोशल मीडिया पर यह ट्रेंड तेजी से फैल रहा है और कई यूज़र इसे "नेचुरल ग्लो हैक" बताकर प्रमोट कर रहे हैं।

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World's First Death : अमेरिका के वॉशिंगटन राज्य में H5N5 बर्ड फ्लू से पहली मानव मौत दर्ज होने के बाद वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसियों में चिंता बढ़ गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि ग्रेज हार्बर काउंटी के एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत H5N5 एवियन इन्फ्लुएंजा संक्रमण के कारण हुई। यह दुनिया में इस तरह के वायरस से इंसान की पहली आधिकारिक मौत है। हालांकि यह भी सामने आया है कि मृतक पहले से ही कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे.... पढ़ें पूरी खबर.....
 

 

 


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Content Editor

Purnima Singh

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