सांप्रदायिक तनाव के दाैरान भी गोरखनाथ में नहीं पसरा था इतना सन्नाटा, जानें वजह
punjabkesari.in Saturday, Apr 11, 2020 - 11:51 AM (IST)
गोरखपुर: कोरोना महामारी एवं लॉकडाउन के बीच हर तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है। ऐसा ही सन्नाटा गोरखनाथ मंदिर में भी देखने को मिला है। जहां पर प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती थी। इस दौरान मठाधीस ने बताया कि योगी आदित्यनाथ जब जेल में बंद थे तब भी इतना सन्नाटा मंदिर में नहीं था। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थल प्रतिबंधित किए जाने की वजह सें श्रद्धालु मंदिर नहीं आ रहे हैं।
गोरखनाथ मंदिर के सचिव द्वारका तिवारी ने बताया कि 2007 में जिले में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था। उस समय प्रदेश में मुलायम सिंह की सरकार थी, तब योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के सांसद हुआ करते थे। इस दौरान योगी सर्किट हाउस में अधिकारियों से मिलने जा रहे थे कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद जिले की स्थिति विस्फोटक हो गई। जगह-जगह आगजनी और तोडफ़ोड़ की घटनाएं होने लगी। उन्होंने कहा कि पुलिस योगी आदित्यनाथ को लेकर जैसे-जैसे जेल की तरफ बढ़ रही थी, वैसे ही हर तरफ आगजनी, तोडफ़ोड़ व पुलिस की गाडिय़ों पर पथराव किया जा रहा था।
पुलिस ने योगी आदित्यनाथ को जेल में पहुंचा दिया लेकिन उसके बाद भी तनाव बरकरार रहा। ऐसे में गोरखनाथ मंदिर ही नहीं शहर की सारी दुकानें बंद कर दी गईं। इतना ही नहीं व्यापारियों ने एलान कर दिया था कि वह तब तक दुकानें नहीं खुलेंगी जब तक योगी आदित्यनाथ रिहा नहीं हो जाते। इसकी सूचना मिलने के बाद योगी ने व्यापारी नेताओं को बुलाया और उनसे कहा कि जनहित के लिए अपनी दुकान खोलें।
गोरखनाथ मंदिर में भी पूरी तरह से सन्नाटा पसरा था। मंदिर के आसपास व परिसर की सारी दुकानें बंद थी। ऐसे में पीठाधीश्वर अवैध नाथ जी महाराज व पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद महाराज के नेतृत्व में हनुमान मंदिर के पास हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा था। मंदिर में योगी के समर्थक जाते थे और अपना समर्थन व्यक्त करते थे। वहीं चारों तरफ सन्नाटा और खामोशी का वातावरण रहता था। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण कोई धार्मिक अनुष्ठान व कार्यक्रम ना होने के कारण मंदिर परिसर में कोई नहीं आता है।