वापस होंगी वक्फ में दर्ज सरकारी जमीन, 33 साल पुराना कांग्रेसी आदेश रद्द... जानें क्या है मकसद?

punjabkesari.in Saturday, Sep 24, 2022 - 04:47 PM (IST)

लखनऊ: योगी सरकार ने 33 साल पुराना आदेश रद्द करते हुए वक्फ में दर्ज सरकारी जमीन का परीक्षण करने का आदेश दिया है। अगर कोई सार्वजनिक जमीन वक्फ संपत्ति में दर्ज कर ली गई थी, तो उसे रद्द कर दिया जाएगा और वह राजस्व विभाग में मूल स्वरूप में दर्ज की जाएगी। सूबे के सभी 75 जिलों में जितनी भी जमीन वक्फ की है, उसे वक्फ के नाम से अभिलेखों में दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा वक्फ संपत्तियों की जो भी जमीन हड़पी गई या फिर किसी को बेच दिया गया, उसे भी सर्वे के जरिए चिन्हित किया जाएगा।

वक्फ बोर्ड की सभी संपत्तियों का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा
इसी कड़ी में यूपी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने वक्फ संपत्तियों के सर्वे के संबंध में शासनादेश जारी किया। इसके तहत 7 अप्रैल 1989 से लेकर अब तक यानी पिछले 33 साल में वक्फ बोर्ड की जो बंजर, ऊसर सहित अन्य भूमि थी, जिनका रिकॉर्ड नहीं दर्ज किया गया, अब उनका ब्योरा जुटाया जाएगा। उत्तर प्रदेश वक्फ अधिनियम 1960 को लागू करते हुए वक्फ बोर्ड की सभी संपत्तियों का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा। ऐसी संपत्तियों के रिकॉर्ड में कब्रिस्तान, मस्जिद, ईदगाह जैसी संपत्तियां सही स्थिति में दर्ज हैं या नहीं, इसका पता लगाया जाएगा।

कांग्रेस शासनकाल में जारी आदेश को समाप्त करने के निर्देश 
इस आदेश के तहत प्रदेश में लाखों हेक्टेयर बंजर, भीटा, ऊसर भूमि वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर ली गईं। अब प्रदेश सरकार का कहना है कि इन संपत्तियों के स्वरूप अथवा प्रबंधन में किया गया परिवर्तन राजस्व कानूनों के विपरीत है। बीते माह राजस्व परिषद के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने शासनादेश जारी कर कांग्रेस शासनकाल में जारी आदेश को समाप्त कर दस्तावेजों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे।

देश में करीब 8 लाख 55 हजार 891 वक्फ की संपत्तियां
वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के मुताबिक, देश में करीब 8 लाख 55 हजार 891 संपत्तियां ऐसी हैं जो वक्फ की हैं। देशभर में 32 वक्फ बोर्ड हैं। सेना और रेलवे के बाद देश में संपत्ति के मामले में वक्फ तीसरा सबसे बड़ा भूमि मालिक है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्याकदा वक्फ़ड संपत्ति है। यूपी में सुन्नी वक्फव बोर्ड के पास कुल 2 लाख 10 हजार 239 संपत्तियां हैं, जबकि शिया वक्फप बोर्ड के पास 15 हजार 386 संपत्तियां हैं। यूपी और बिहार में शिया-सुन्नी की अलग-अलग संपत्तियां और बोर्ड हैं।


 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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