जिहादियों की जब-जब संख्या बढ़ी तो देश या तो बंटा या कट गया, हिंदू भी 5 बच्चे पैदा करें, जगद्गुरु परमहंस ने दिया विवादित बयान

punjabkesari.in Monday, Dec 02, 2024 - 03:32 PM (IST)

वाराणसी: अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले अयोध्या तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक निजी चैनल के इंटरव्यू में कहा कि हिंदू को 5 बच्चे पैदा करना चाहिए। जगद्गुरु परमहंस ने कहा कि जिहादी जनसंख्या बढ़ा रहे उनकी जनसंख्या जब जब बढ़ी है तो देश बंटा है या कट गया है। उन्होंने सरकार से जनसंख्या कानून लागू कराने की मांग की है। उन्होंने बंगला देश में हो रहे  हिन्दुओं पर हमले को लेकर कहा कि भारत सरकार हम मांग करते हैं कि हमलों पर हस्तक्षेप करे। आचार्य परमहंस ने कहा कि वहां हिन्दू बहन-बेटियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं, जो असहनीय हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बांग्लादेश में हिन्दू नहीं बचेंगे, तो वहां मुस्लिमों की स्थिति भी संकट में पड़ सकती है।

बांग्लादेश सरकार को दी चेतावनी
परमहंस आचार्य ने बांग्लादेश की सरकार, प्रधानमंत्री, अदालतों और आतंकवादियों को चेताते हुए कहा कि उन्हें समय रहते सावधान हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम मानवतावादी हैं, लेकिन अगर वहां हिन्दुओं पर हो रहे हमले नहीं रुके तो इसका बदला लिया जाएगा."

आरएसएस प्रमुख बोले- हर दंपति को कम से कम तीन बच्चे पैदा करने चाहिए
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने परिवार के महत्व पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि अगर किसी समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे चली जाती है, तो वह समाज अपने आप नष्ट हो जाएगा। प्रमुख मोहन भागवत ने जनसंख्या वृद्धि में गिरावट पर चिंता जताते हुए रविवार को कहा कि भारत की कुल प्रजनन दर (टीएफआर) मौजूदा 2.1 के बजाए कम से कम तीन होनी चाहिए।

टीएफआर का तात्पर्य एक महिला द्वारा जन्म दिए जाने वाले बच्चों की औसत संख्या से है।  नागपुर में ‘कठाले कुलसम्मेलन' में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि परिवार समाज का हिस्सा है और हर परिवार एक इकाई है। उन्होंने कहा, ‘‘जनसंख्या में कमी चिंता का विषय है, क्योंकि जनसंख्या विज्ञान कहता है कि अगर जनसंख्या दर 2.1 से नीचे चली गई तो वह समाज नष्ट हो जाएगा, कोई उसे नष्ट नहीं करेगा, वह अपने आप नष्ट हो जाएगा। आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारे देश की जनसंख्या नीति, जो 1998 या 2002 के आसपास तय की गई थी, कहती है कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे नहीं होनी चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें दो से अधिक अर्थात तीन (जनसंख्या वृद्धि दर) की आवश्यकता है, यही जनसंख्या विज्ञान कहता है। यह संख्या महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे (समाज को) कायम रहना चाहिए।


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Ramkesh

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