अतीक से कोई कैसे नफरत न करे! खाल खींचकर चौराहे पर फेंका, फोन करके बोला था- अभी जिंदा है, उठा ले जाओ

punjabkesari.in Saturday, Apr 15, 2023 - 01:26 PM (IST)

प्रयागराज: अतीक अहमद की माफियागीरी खत्म होने का सिलसिला जो शुरू हुआ वो बदस्तूर जारी है। हालात ये है कि जिस अतीक के नाम की तूती पूरे यूपी में बोला करती थी, आज उसी माफिया के बेटे के अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में शामिल होने से लोग कतरा रहे हैं। बेशक अतीक अहमद का किसी जमाने में खौफ रहा करता था। अपराध का रास्ता अतीक अहमद ने बेहद छोटी उम्र में चुन लिया। खैर क्राइम तो इतने हैं कि कई किताबें लिख दी जाएं। इसी समय के दौरान एक खूंखार घटना हुई, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे। जिसे कानून के रजिस्टर में दर्ज करने की हिम्मत पुलिस में तब नहीं थी। अतीक अहमद का ऐसा आतंक था कि उस पर नजर उठाने वाले को आंखें निकाल लिए जाने का डर रहता था।
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अतीक अहमद ने प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के चकिया यानी अपने इलाके में एक शख्स की खाल उधेड़ दी थी। 90 के दौर में धूमनगंज और प्रयागराज में तैनात पूर्व पुलिसकर्मी के मुताबिक, अतीक अहमद हर वारदात को अपने खूंखार अंदाज में अंजाम देता था। वो सामान्य मारपीट या हत्या की घटना को सरेआम किया करता था, ताकि हर आपराधिक घटना के बाद समाज और सिस्टम के दिल में उसका खौफ बना रहे और बढ़ता रहे। बात है 1990 के दशक की। चांद बाबा की हत्या के कुछ महीने बाद अतीक अहमद का नाम प्रयागराज में खौफ का पर्याय बन चुका था। ये वो समय था, जब अतीक अहमद बड़ा बाहुबली बनने की राह पर तेजी से चलने लगा था। जमीनों पर उसके गैंग के द्वारा अवैध कब्जों की शुरुआत हो चुकी थी। एक शख्स ने जमीन पर कब्जे के एक मामले में उसका विरोध किया। वो शख्स अतीक के गैंग के सामने न झुकने की बात कहकर मुंबई में अपने रिश्तेदार के यहां चला गया।
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पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अतीक ने अपने गुर्गे भेजकर उस शख्स को मुंबई से बुलवाया। गैंगस्टर अतीक चाहता तो गुर्गों के हाथों उस शख्स को धमकाकर, पिटवाकर अपनी बात मनवा सकता था, लेकिन उसने उस युवक को साजिश के तहत चकिया बुलाया। धूमनगंज थाने में तैनात रहे पूर्व पुलिसकर्मी के मुताबिक, अतीक ने मुंबई से बुलाकर उस युवक को एक होटल में बुरी तरह मारा। इस दौरान वह युवक चिल्ला रहा था, माफी मांग रहा था, मारपीट के खौफ से वह अपनी जमीन अतीक को फ्री में देने को तैयार हो गया था। अतीक चाहता तो उसे छोड़ देता, लेकिन उसकी आपराधिक मानसिकता वाले दिलो-दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। उसने अपने गुर्गों के जरिए उस युवक के शरीर के एक हिस्से की खाल निकलवा दी। इसके बाद उसे अधमरी हालत में एक चौराहे पर फेंक दिया।
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इतना ही नहीं अतीक वापस घर पहुंचा। उस समय लैंडलाइन फोन ही हुआ करते थे। माफिया अतीक ने अपने घर से धूमनगंज थाने को फोन किया। एक पुलिसकर्मी ने फोन उठाया तो अतीक गालियां देते हुए बोला- “वो**चौराहे पर पड़ा है। उसकी खाल निकाल दी है। अभी जिंदा है, ले जाओ।” ये जानकर आपको हैरानी होगी कि ये दुर्दांत घटना के रूप में दर्ज होनी चाहिए थी, लेकिन इस मामले में कोई एफआईआर तक नहीं हुई। पुलिस युवक को तो उठा ले गई, लेकिन पुलिस की रिपोर्ट लिखने की हिम्मत नहीं हुई।

चकिया के चांद बाबा का कत्ल
अतीक अहमद बचपन अपने पिता के तांगे में बैठकर अमीर और पॉवरफुल बनने के ख्वाब बुनता था। उस दौर में चकिया में चांद बाबा नाम से एक गैंगस्टर हुआ करता था। चांद बाबा का उस इलाके में खासा रुतबा था जो अतीक खटकने लगा था। अतीक चांद बाबा से बड़ा गुंडा बनना चाहता था। वो चाहता था कि उसका नाम चकिया ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में हो। यहां तक की पुलिस भी चांद बाबा से छुटकारा चाहती थी। बस फिर क्या था अतीक ने इसी का फायदा उठाया और चांद बाबा के खिलाफ एक गैंग तैयार किया। धीरे-धीरे चांद बाबा का गैंग कमजोर हो रहा था और अतीक की ताकत बढ़ रही थी। साल 1989 में अतीक अहमद राजनीति में कूद पड़ा। इलाहाबाद पश्चिम की सीट से उसने चुनाव लड़ा और सामने था चांद बाबा। पैसे और ताकत की बल पर ये चुनाव अतीक ने जीता। अतीक अहमद नेता बन चुका था। उसे जनता ने जीत दिलाई थी, उसपर भरोसा दिखाया था, लेकिन अतीक ने जनता के भरोसे को रौंद डाला। ताकत हाथ में आते ही अतीक अहमद की गुंडागर्दी और बढ़ गई और अब वो सफेद कपड़ों में काले काम करने लगा। विधायक बनते ही अतीक ने चांद बाबा को दिन दहाड़े गोली मारकर मौत दे दी। विधायक होते हुए भी उसने कत्ल कर डाला। ये उसका ऐसा गुनाह था जिसे जनता आज भी नहीं भूल पाई।

 


 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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