मदद के नाम पर रेलवे ने मृतक के साथ किया भद्दा मजाक, 15 हजार रुपये की आर्थिक मदद पर भड़के परिजन

punjabkesari.in Saturday, Dec 03, 2022 - 02:05 PM (IST)

अलीगढ़/नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से करीब 35 किलोमीटर पहले शुक्रवार को दनवर सोमना इलाके में नयी दिल्ली से पुरी जा रही नीलांचल एक्सप्रेस के सामान्य डिब्बे की खिड़की को तोड़कर एक लोहे की छड़ एक यात्री की गर्दन में घुस गयी जिससे उसकी मौत हो गयी। वहीं इस मामले में रेलवे विभाग ने मृतक के परिजनों के भद्दा मजाक किया है। दरअसल, मृतक के परिजनों को रेलवे ने 15 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी है। मदद की रकम देखते ही परिजन भड़क उठे। परिजनों का आरोप है कि युवक की कोई भी गलती नहीं है जिससे नाराज परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर रेलवे स्टेशन पहुंचे।

चलती ट्रेन में खिड़की का शीशा तोड़कर लोहे की छड़ यात्री की गर्दन में घुसी
बता दें कि एक युवक नीलांचल एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली से सुलतानपुर यात्रा कर रहा है। ट्रेन जब अलीगढ़ के पर पहुंची इसी दौरान खिड़की का शीशा तोड़कर लोहे की छड़ यात्री की गर्दन में घुस गई जिससे सीट पर बैठे यात्री की मौत हो गई।  सूत्रों ने बताया कि बताया जाता है कि घटना के समय पटरियों पर कुछ काम चल रहा था। उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने  बताया, ‘‘दिल्ली से चली नीलांचल एक्सप्रेस (12876) ट्रेन शुक्रवार की सुबह करीब पौने नौ बजे दनवर सोमना इलाके से गुजर रही थी, तभी एक लोहे की छड़ खिड़की का शीशा तोड़कर सामान्य डिब्बे में खिड़की के पास बैठे हरिकेश कुमार दुबे (34) की गर्दन में जा घुसी, जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गये।'

डॉक्टरों ने घायल युवक को बताया मृतक
उन्होंने बताया कि ट्रेन के स्टाफ ने तुरंत इसकी सूचना करीब 35 किलोमीटर दूर अलीगढ़ रेलवे स्टेशन के अधिकारियों को दी। उन्होंने बताया कि ट्रेन के अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचने पर रेल कर्मचारी दुबे को उतारकर तुरंत अस्पताल ले गये, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके अनुसार मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। उपाध्याय ने बताया कि घटना की सूचना पर रेलवे के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए और मामले की जांच जीआरपी और सीआरपीएफ को सौंपी गयी है। उन्होंने बताया कि दुबे सुल्तानपुर का रहने वाला था और घटना की बाबत उसके परिजनों को सूचित कर दिया गया है । उन्होंने बताया कि इस बात की भी जांच की जा रही हैं कि चलती ट्रेन में लोहे की छड़ खिड़की तोड़कर कैसे डिब्बे के अंदर घुस गयी। नयी दिल्ली में रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह घटना सुबह करीब पौने नौ बजे हुई।

मृतक के घर में छाया मातम
सूत्रों ने बताया कि घटना के समय पटरियों पर कुछ काम चल रहा था। इस घटना के बाद सुल्तानपुर जिले में हरिकेश दुबे के पैतृक घर में मातम छाया गया। दुबे सुल्तानपुर के चांदा थाना क्षेत्र के गोपीनाथपुर गांव के रहने वाला था। उसके चचेरे भाई राजीव दुबे ने ने बताया कि हरिकेश दिल्ली में एक निजी फर्म में कार्यरत था और वह लखनऊ में अपनी बहन की ननद की शादी समारोह में शामिल होने आ रहा था।" राजीव ने कहा, " परिवार में हरिकेश के माता-पिता, उनकी पत्नी शालिनी और दो बच्चे बेटी आर्या (सात) और बेटा अयांश (चार) हैं।

रेलवे में यात्रा के दौरान दुघटना पर ये है आर्थिक मदद का प्रावधान
रेलवे नियमों के मुताबिक अगर किसी कारणवश Travel Insurance के विकल्प को चुनने वाले यात्री की रेल हादसे में मौत हो जाती है। तब रेलवे द्वारा उसके परिवार को 10 लाख तक की आर्थिक मदद की जाएगी.। साथ ही रेलवे द्वारा हादसे में पूर्ण रूप से विकलांग या अपंग हो जाने यात्री को आर्थिक मदद के तौर पर 10 लाख रुपये का भुगतान किया जाता है। अगर रेल हादसे की वजह से आंशिक रूप से विकलांगता होती है तो रेलवे द्वारा यात्रियों को 7,50,000 रुपये का भुगतान करना होता है। वही हादसे में गंभीर रुप से घायल व्यक्ति को 2,00,000 रुपये तो वहीं मामूली रूप से घायल होने वाले यात्रियों को रेलवे की ओर से इलाज के लिए 10 हजार रुपये का भुगतान किया जाता है।
 


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Content Writer

Ramkesh

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