गन्ने के FRP में वृद्धि स्वीकार्य नहीं, यह पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के मुकाबले अपर्याप्त: टिकैत

punjabkesari.in Thursday, Aug 26, 2021 - 01:55 PM (IST)

मुजफ्फरनगर: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने मिलों द्वारा गन्ना किसानों को दिए जाने वाले न्यूनतम मूल्य में वृद्धि को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के मद्देनजर ‘‘अपर्याप्त'' बताया। मिलों को, गन्ना किसानों को प्रति क्विंटल पांच रुपये अधिक देना होगा। केंद्र सरकार ने बुधवार को 2021-22 के नए विपणन सत्र के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी (एफआरपी) मूल्य पांच रुपये बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।

हालांकि, इसके साथ ही सरकार ने चीनी के बिक्री मूल्य में तत्काल बढ़ोतरी से इनकार किया है। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बुधवार को हुई बैठक में 2021-22 के विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य बढ़ाने का फैसला किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे किसानों के हित में लिया गया ‘‘महत्वपूर्ण'' फैसला बताया और कहा कि इससे चीनी मिल से जुड़े श्रमिकों को भी लाभ होगा।

बुधवार की शाम को पत्रकारों से बातचीत में टिकैत ने कहा, ‘‘गन्ने के एफआरपी में यह वृद्धि किसानों को स्वीकार्य नहीं है क्योंकि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के मुकाबले यह अपर्याप्त है।'' उन्होंने मांग की कि गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य पेट्रोल, डीजल और उन अन्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के अनुरूप होना चाहिए जो किसान फसल उगाने में इस्तेमाल करते हैं। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र के फैसले से पांच करोड़ गन्ना किसान और उन पर निर्भर लोगों को फायदा होगा। साथ ही चीनी मिलों और संबंधित गतिविधियों में शामिल करीब पांच लाख कामगारों को भी लाभ होगा।


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Content Writer

Umakant yadav

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