भारत के अधिकारियों को ताज की यूनेस्को से ज्यादा चिंता करनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

punjabkesari.in Tuesday, Jul 31, 2018 - 12:27 PM (IST)

आगराः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार और ​अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि ताजमहल को प्रदूषण से बचाने के भारतीय अधिकारियों को कम से कम यूनेस्को से तो ज्यादा चिंता जतानी चाहिए। 

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार 
सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए सरकार से पूछा कि, ‘2013 से 2018 तक, कुछ भी क्यों नहीं किया गया? न्यायालय इससे पहले भी इस ऐतिहासिक स्मारक के रंग में परिवर्तन पर चिंता जता चुका है। यूनेस्को से संबंधित टिप्पणी न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने तब की जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने कहा कि उसे 2013 में संयुक्त राष्ट्र की संस्था को ताजमहल पर एक योजना बनाकर दी थी।

देखरेख के लिए कौन जिम्मेदार?
अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने शीर्ष अदालत को यह भी जानकारी दी कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के संयुक्त सचिव और आगरा मंडल के आयुक्त ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) की देखरेख के लिए जिम्मेदार हैं। न्यायालय को यह भी बताया गया कि एएसआई के महानिदेशक दुनिया के सात अजूबों में शामिल विश्व धरोहर ताज महल की देखरेख के लिए जिम्मेदार हैं।

अधिकारियों को यूनेस्को से ज्यादा चिंता करनी चाहिए
जब एएसआई के वकील ने कहा कि यूनेस्को को ताजमहल की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई थी, पीठ ने कहा, यही तो समस्या है। यूनेस्को जैसे संगठन को (ताजमहल की) स्थिति पर चिंता जतानी पड़ी। यह संयुक्त राष्ट्र की संस्था है। हमारी चिंता यूनेस्को द्वारा जताई गई चिंता से अधिक होनी चाहिए।

अगली सुनवाई 28 अगस्त को 
शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अब से हलफनामे इन तीन अधिकारियों पर्यावरण मंत्रालय के संयुक्त सचिव, आगरा मंडल के आयुक्त और एएसआई के महानिदेशक द्वारा ही दायर किए जाएं। पीठ ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तारीख तय की।

मामले की सुनवाई शुरू होने पर, अटार्नी जनरल ने पीठ को बताया कि आगरा मंडल के आयुक्त टीटीजेड के चेयरमैन हैं और जहां तक उत्तर प्रदेश सरकार का सवाल है तो आगरा मंडल के आयुक्त टीटीजेड के रखरखाव के लिए जिम्मेदार हैं। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Ruby

Recommended News

Related News

static