पुण्यतिथि स्पेशलः दलितों के हित में काम करने वाले कांशीराम मुलायम की वजह से पहुंचे थे संसद

punjabkesari.in Tuesday, Oct 09, 2018 - 10:23 AM (IST)

इटावाः संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बाद दलितों के सबसे बड़े हितैषी माने जाने वाले कांशीराम ने भारतीय वर्ण व्यवस्था में अछूतों और दलितों के राजनीतिक एकीकरण तथा उत्थान के लिए बहुत कार्य किए हैं। आज हम उनकी पुण्यतिथि पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बात बताते हैं। वह बात जिस द्वारा उन्होंने दलितों के हित में अनेक कार्य किए। 

मुलायम की वजह से ही कांशीराम पहली दफा पहुंचे संसद
दरअसल समाजवादी पार्टी (सपा) के गढ़ इटावा से चुनाव जीत कर पहली बार संसद की दहलीज लांघने में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की महत्वपूर्ण भूमिका थी।महाभारत कालीन सभ्यता से जुड़े उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से ही समाजवादी जननायक मुलायम सिंह यादव की बदौलत कांशीराम ने पहली बार संसद का रूख किया था। कांशीराम जिस समय चुनाव लड़ रहे थे उस समय मुलायम सिंह यादव आये दिन अनुपम होटल फोन करके कांशीराम का हालचाल तो लेते ही रहते थे,साथ ही होटल मालिक को यह भी दिशा निर्देश देते रहते थे कि कांशीराम हमारे मेहमान हैं उनको किसी भी तरह की कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए।   

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इटावा के लोगों ने कांशीराम को हासिल कराया मुकाम 
मुलायम सिंह यादव के गृह जिले इटावा के लोगों ने कांशीराम को एक ऐसा मुकाम हासिल कराया जिसकी कांशीराम को एक अर्से से तलाश थी। कहा यह जाता है कि 1991 के आम चुनाव मे इटावा में जबरदस्त हिंसा के बाद पूरे जिले के चुनाव को दुबारा कराया गया था। दुबारा हुये चुनाव मे बसपा सुप्रीमो कांशीराम खुद संसदीय चुनाव में उतरे।

इस वजह से मुलायम के खिलाफ नहीं उतारा प्रत्याशी
बसपा के पुराने नेता और 1991 में कांशीराम के संसदीय चुनाव प्रभारी खादिम अब्बास बताते हैं कि मुलायम सिंह यादव ने समय की नब्ज को समझा और कांशीराम की मदद की जिसके एवज मे कांशीराम ने बसपा से कोई प्रत्याशी मुलायम सिंह यादव के खिलाफ जसवंतनगर विधानसभा से नहीं उतारा जबकि जिले की हर विधानसभा से बसपा ने अपने प्रत्याशी उतरे थे। अब्बास ने बताया कि चुनाव लडऩे के दौरान कांशीराम इटावा मुख्यालय के पुरबिया टोला रोड पर स्थित तत्कालीन अनुपम होटल मे करीब एक महीने रहे थे। वैसे अनुपम होटल के सभी 28 कमरो को एक महीने तक के लिए बुक करा लिया गया था लेकिन कांशीराम खुद कमरा नंबर 6 में रूकते थे और 7 नंबर में उनका सामान रखा रहता था। 
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होटल में ही खोला था चुनाव कार्यालय 
इसी होटल मे कांशीराम ने अपने चुनाव कार्यालय भी खोला था। एक वक्त अनुपम होटल के मालिक रहे बल्देव सिंह वर्मा बताते है कि उस समय मोबाइल फोन की सुविधा नहीं हुआ करती थी और कांशीराम के लिए बडी संख्या मे फोन आया करते थे, इसी वजह से कांशीराम के लिये एक फोन लाइन उनके कमरे मे सीधी डलवा दी गई थी जिससे वो अपने लोगो के संपर्क में लगातार बने रहते थे।  

कांशीराम और मुलायम सिंह फोन पर करते थे लंबी बातचीत
वर्मा ने बताया कि मुलायम सिंह यादव का अमूमन फोन इस बाबत आता रहता था कि कांशीराम हमारे मेहमान है उनको किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं होनी चाहिये लेकिन वो कभी होटल मे आये नहीं। वर्मा दावे के साथ कहते है कि हां इतना जरूर पता है कि कांशीराम और मुलायम सिंह यादव की फोन पर लंबी बातचीत जरूर होती थी ।  वर्मा बताते है कि कांशीराम के चुनाव में गाड़ियो के लिये डीजल आदि की व्यवस्था देखने वाले आर.के.चौधरी बाद मे उत्तर प्रदेश मे सपा बसपा की सरकार में परिवहन मंत्री बने। 
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कांशीराम को सबसे अधिक नीला रंग पंसद था 
कांशीराम को नीला रंग सबसे अधिक पंसद था इसी वजह से उन्होंने अपनी कंटेसा गाड़ी को नीले रंग से ही पुतवा दिया था पूरे चुनाव प्रचार मे कांशीराम ने सिर्फ इसी गाड़ी से प्रचार किया। इटावा लोकसभा क्षेत्र आरक्षित सीट हुए वर्ष 1991 में हुए उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी कांशीराम समेत कुल 48 प्रत्याशी मैदान में थे। चुनाव में कांशीराम को एक लाख 44 हजार 290 मत मिले और उनके समकक्ष भाजपा प्रत्याशी लाल सिंह वर्मा को 1 लाख 21 हजार 824 मत, कम मिलने से जीत कांशीराम को मिली थी। जब कि मुलायम सिंह यादव की जनता पार्टी से लड़े रामसिंह शाक्य को मात्र 82624 मत ही मिले थे। 


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Ruby

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