नरेंद्र गिरि मौत मामला: स्थानीय लोगों ने कहा- करोड़ों की संपत्ति के चलते रची गई मौत की साज़िश
punjabkesari.in Sunday, Oct 03, 2021 - 04:22 PM (IST)

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में कई नए मोड़ सामने आ रहे हैं। वहीं, महंत नरेंद्र की मौत के पीछे बाघम्बरी मठ की सैकड़ों करोड़ की संपत्ति मुख्य कारण बताई जा रही है। मठ की संपत्ति केवल प्रयागराज में ही नहीं बल्कि अन्य प्रदेशों में भी फैली है। जिसकी कीमत हजार करोड़ से अधिक बताई जा रही है। इसलिए कयास लगाए जा रहें है कि महंत नरेंद्र को रास्ते से हटाने के लिए उनके करीबियों ने साजिश रची है।
बता दें कि प्रयागराज के अलावा, मेजा, करछना, कौशांबी, झांसी के अलावा मध्यप्रदेश, हरिद्वार और दिल्ली समेत अन्य राज्यों में महंत नरेंद्र गिरि के अधिपत्य वाले मठ, मंदिर और जमीन हैं। प्रयागराज के अगर अन्य क्षेत्रों में संपत्ति की बात करें तो बाघम्बरी मांडा में राजा मांडा कोठी के पास लगभग 20 बीघे जमीन है। वहीं, शंकरगढ़ में 12 बीघे जमीन है। कुछ जमीनों में सिलिका सेंड भी निकलता है। इन सबकी कीमत चार सौ करोड़ से अधिक बताई जाती है। इसके अलावा हरिद्वार, उज्जैन व नासिक में बाघम्बरी गद्दी के दर्जनभर आश्रम व मंदिर हैं। इनकी कीमत मौजूदा समय अरबों रुपये की है। प्रयागराज के रहने वाले मोहित मिश्रा और राधेश्याम शुक्ला का कहना है कि वह कई बार महंत से मिल चुके हैं और महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या नहीं कर सकते हैं। करोड़ों की संपत्ति की वजह से ही महंत के खिलाफ कोई साजिश जरूर हुई है।
गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि 2004 में मठ बाघम्बरी गद्दी के पीठाधीश्वर बनने के दौरान उन्होंने मठ की कुछ जमीन को बेचकर भारद्वाज परम् (अल्लापुर) में भव्य भवन बनवाया। इसी परिसर में महंत विचार आनंद संस्कृत महाविद्यालय है जहां विद्यार्थियों को निःशुल्क संस्कृत, वेद व ज्योतिष की शिक्षा दी जाती है। मठ के अंदर गौशाला, खेत भी है, जिसकी कीमत दो सौ करोड़ से अधिक है। इसके अलावा मुट्ठीगंज मोहल्ला में भी मठ का भवन है। संगम तट पर स्थित लेटे हनुमान मंदिर का संचालन बाघम्बरी गद्दी के जरिए होता है। जिसकी मासिक आमदनी 15 से 20 लाख रुपये मासिक है लेकिन माघ और कुंभ मेलों के दौरान यही आमदनी 40 से 50 लाख महीने तक हो जाती है। बाघम्बरी मठ में कई मंहगी गाड़ियां भी खड़ी हुई हैं जिनकी कीमत करोड़ो की बताई जा रही।