UP की जेलों में अब मोबाइल जैमर से अपराधियों का ‘नेटवर्क डाउन’, इन 6 जेलों में होगी हाई-टेक निगरानी; योगी सरकार ने उठाया सख्त कदम
punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 11:38 PM (IST)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश सरकार ने जेलों में कैदियों के द्वारा मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के दुरुपयोग पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य की छह प्रमुख जेलों में अत्याधुनिक ‘टावर ऑफ हार्मोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम’ (T-HCBC) आधारित मोबाइल जैमर लगाए जाएंगे। इससे जेलों के अंदर से बाहरी दुनिया से हो रहे आपराधिक संपर्कों को प्रभावी ढंग से रोका जा सकेगा। इस योजना के लिए 9.14 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने दी है। यह पहल राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने के लिए उठाया गया तकनीकी कदम है।
किस जेल में लगेंगे उन्नत जैमर सिस्टम?
- जिला कारागार लखनऊ
- जिला कारागार चित्रकूट
- जिला कारागार कासगंज
- जिला कारागार आजमगढ़
- जिला कारागार अंबेडकर नगर
- केंद्रीय कारागार बरेली-2
क्या करेगा यह जैमर सिस्टम?
T-HCBC जैमर मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप, वाई-फाई, ब्लूटूथ, GPRS, NFC, MMS, ई-मेल, इंटरनेट जैसे सभी संचार माध्यमों के सिग्नलों को पूरी तरह ब्लॉक करेगा। इससे जेल परिसरों के भीतर से किसी भी प्रकार का संचार असंभव हो जाएगा — जबकि जेल के बाहर सामान्य मोबाइल नेटवर्क पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
कानूनी सख्ती भी
यह कदम 2021 में संशोधित प्रिज़न एक्ट के अनुरूप है, जिसके तहत जेल में मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का प्रयोग संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध घोषित किया गया है। दोषी पाए जाने पर 3 से 5 वर्ष का अतिरिक्त कारावास और ₹50,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि जेलकर्मी की संलिप्तता पाई जाती है, तो सीधी एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है।
अपराधी बना चुके हैं मोबाइल को ‘हथियार’
हाल के वर्षों में प्रदेश की विभिन्न जेलों से मोबाइल के माध्यम से अपराध संचालित होने की कई घटनाएं सामने आई हैं। फरवरी 2025 में गाजीपुर जेल से धमकी भरा कॉल किया गया, जबकि भदोही जेल से हत्या के आरोपी के पास से मोबाइल और दो सिम कार्ड बरामद किए गए थे। इन घटनाओं ने जेल सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
सरकार का विजन: “सुरक्षित जेल, सुरक्षित समाज”
सरकार की यह पहल ‘सुरक्षित जेल, सुरक्षित समाज’ के विजन को आगे बढ़ाती है। राज्य की जेलों में पहले से ही CCTV कैमरे, बॉडी कैमरा, और डिजिटल निगरानी प्रणाली लागू की गई हैं। अब जैमर टेक्नोलॉजी से जेल की सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया जाएगा।