राजा भैया के परिवार में नया विवाद: सास ने बेटी व पूर्व मैनेजर पर लगाया धोखाधड़ी और विश्वासघात का आरोप, थाने में शिकायत
punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 02:42 PM (IST)
लखनऊ: कुंडा से विधायक कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया के परिवार से जुड़ा एक नया मामला सामने आया है। विधायक की सास मंजुल सिंह ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में एक गंभीर लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए अपने पूर्व मैनेजर राजेश प्रताप सिंह और बेटी भानवी सिंह (राजा भैया की पत्नी) पर बड़े वित्तीय और दस्तावेजी फर्जीवाड़े के आरोप लगाए हैं।
शिकायत में आरोप है कि पूर्व मैनेजर ने धोखाधड़ी, कूटरचना और आपराधिक विश्वासघात जैसे गंभीर अपराधों में भूमिका निभाई है। मंजुल सिंह ने पुलिस को एक विस्तृत प्रार्थना-पत्र सौंपकर तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
फर्जी किरायानामा बनाने का आरोप
शिकायतकर्ता के अनुसार राजधानी के गोखले मार्ग स्थित सिल्वर ओक अपार्टमेंट में रहने वाली मंजुल सिंह के नाम पर आरोपी राजेश प्रताप सिंह ने फर्जी किरायानामा तैयार किया। उनका दावा है कि दस्तावेज़ पर उनके हस्ताक्षर मौजूद नहीं, फिर भी इसे वैध दस्तावेज़ की तरह प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी डिपॉज़िट वाले पृष्ठ पर भी उनके हस्ताक्षर नहीं हैं, लेकिन आरोपी ने इसे वास्तविक दर्शाने की कोशिश की।
70 दुकानों का किराया और सुरक्षा राशि खुद वसूलने का आरोप
प्रार्थना-पत्र में यह भी उल्लेख है कि मंजुल सिंह की लगभग 70 दुकानों का किराया और सुरक्षा राशि आरोपी ने स्वयं वसूल की, जबकि इस पूरी प्रक्रिया से उन्हें अनजान रखा गया। शिकायतकर्ता का कहना है कि आरोपित ने न केवल धनराशि खुद एकत्र की, बल्कि वसूली की ज़िम्मेदारी भी उन्हें ही दे दी जिसे उन्होंने स्पष्ट तौर पर धोखाधड़ी और विश्वासघात बताया।
गलती स्वीकारने और मोबाइल फोन छोड़ने का दावा
मामले में तब नया मोड़ आया जब शिकायतकर्ता ने दावा किया कि स्पष्टीकरण के लिए घर बुलाए जाने पर आरोपी राजेश प्रताप सिंह ने अपनी गलती कथित रूप से स्वीकार कर ली। शिकायत के अनुसार उसने कहा कि उसने यह सब भानवी सिंह के निर्देश पर किया।
मंजुल सिंह का कहना है कि राजेश ने माफी मांगते हुए अपना मोबाइल फोन भी उनके पास छोड़ दिया, जिसमें कथित वसूली और फर्जीवाड़े के डिजिटल साक्ष्य मौजूद हैं। यह मोबाइल फोन अब पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है, ताकि कानूनी प्रक्रिया के तहत इसकी जांच की जा सके।
पुलिस जांच शुरू, बड़े फर्जीवाड़े का शक
स्थानीय स्तर पर यह मामला चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि कथित धोखाधड़ी की राशि और पैमाना काफी बड़ा बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि वे प्रार्थना-पत्र में दिए गए तथ्यों और मोबाइल फोन में मौजूद डिजिटल सामग्री की जांच कर रहे हैं।
जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि लगाए गए आरोप कितने सही हैं और आगे की कानूनी कार्रवाई किस दिशा में बढ़ेगी। फिलहाल पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

