सियासत की धुरी बनने को लालायित ओपी राजभरः न खेलब, न खेले देइब पर उतरे
punjabkesari.in Tuesday, Jul 04, 2023 - 04:01 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों का चर्चित नाम ओम प्रकाश राजभर खुद सियासत की धुरी बनने को लालायित हैं। इसी लालच में वह अब 'न खेलब, न खेले देइब' की राजनीति पर आमादा हैं। ओम प्रकाश राजभर उप्र में छह विधायकों वाली पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष हैं। फिलवक्त, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का साथ छोड़ने के बाद सियासती समंदर में किनारा पाने को गोते लगा रहे हैं। ऐसे में वह अपने नित नये बयानों से खुद को न केवल चर्चा में बनाए रखते हैं, बल्कि चहुंओर किनारा पाने की जुगत में हैं। कभी भाजपा से उनकी नजदीकियां सरगर्मी बनतीं हैं तो कहीं कांग्रेस और बसपा की तारीफ कर खुद तैयार की पहेली को हल करने में वह औरों को उलझाए रखना चाहते हैं। उनका ताजा बयान भी कुछ ऐसा ही है- बूझो तो जानें?
महाराष्ट्र जैसा सियासी उठापटक उत्तर प्रदेश में भी होने जा रहा
मीडिया को दिए एक बयान में ओपी राजभर ने कहा कि महाराष्ट्र जैसा सियासी उठापटक उत्तर प्रदेश में भी होने जा रहा है। सपा के तमाम एमएलए और एमपी जल्द पाला बदलने वाले हैं। यह दावा किया है सुभासपा के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने। वैसे तो राजभर विधानसभा में भी अपनी चुटीली बातों से माहौल हल्का कर देते हैं, लेकिन पिछले दिनों वाराणसी में मुख्यमंत्री से गुपचुप मुलाकात कर चुके राजभर का ताजा दावा कितना हल्का या भारी है, यह तो वक्त ही बताएगा।
अखिलेश यादव के रवैये से सपा के विधायक और सांसद नाराज
दरअसल, सोमवार को वाराणसी स्थित सुभासपा कार्यालय में एक न्यूज एजेंसी से ओपी राजभर ने दावा किया कि सपा के कई विधायक राज्य सरकार में शामिल होना चाहते हैं। वहीं कई लोग लोकसभा टिकट के लिए दिल्ली की दौड़ भी लगा रहे हैं। कहा कि अखिलेश यादव के रवैये से सपा के विधायक और सांसद नाराज हैं। वो अपना भविष्य सपा में नहीं देख रहे हैं।
मायावती की बसपा उत्तर प्रदेश में गेमचेंजर
इसी कड़ी में राजभर ने एक नया राजनीतिक पासा भी फेंक दिया। बोले, मायावती की बसपा उत्तर प्रदेश में गेमचेंजर है। आगे कहा कि अगर मायावती तैयार होती हैं तो सुभासपा बसपा के साथ गठबंधन के लिए तैयार है। राजभर के मुताबिक, कांग्रेस भी मायावती के साथ गठबंधन करना चाहती है। 2024 में हम लोग नया तीसरा मोर्चा बनाएंगे। इस घोषणा के साथ सुभासपा अध्यक्ष ने अखिलेश यादव को भी लपेटा। बोले, सपा मुखिया तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर से तो मिलने जा सकते हैं, लेकिन वह बसपा प्रमुख मायावती से नहीं मिल रहे हैं।