सपा MLA का 28 साल पुराना केस बंद: कोर्ट में पुलिस की हुई फजीहत, नहीं पेश कर पाई रफीक अंसारी के खिलाफ सबूत
punjabkesari.in Saturday, Dec 28, 2024 - 02:51 PM (IST)
मेरठ: समाजवादी पार्टी से विधायक रफीक अंसारी को 28 साल पुराने इस मामले कोर्ट ने बरी किया है। दरअसल, 5 महीनों से जेल में बंद सपा विधायक के खिलाफ साल 1995 में आगजनी, बवाल करने का मामला दर्ज किया गया था, जिस मामले में पुलिस ने जेल भेजा उस मामले में पुलिस कोर्ट में विधायक के खिलाफ एक भी सबूत नहीं पेश कर सकी। नतीजे में पुलिस की कोर्ट में फजीहत हुई और विधायक बरी हो गए।
आपको बता दें कि सप विधायक रफीक अंसारी पर साल 1995 में आगजनी और बवाल, करने का मामला थाना नौचंदी पुलिस ने दर्ज किया था। वह मामला चुनाव से जुड़ा था। दरअसल हुआ यह कि उक्त मामले में रफीक अंसारी के खिलाफ कोर्ट से लगातार समन और फिर बाद में वारंट भी जारी हुए। लेकिन वह पेश नहीं हुए। इसकी कई वजह थीं। पिछले दिनों जब कोर्ट से सख्ती दिखाई और पुलिस को फटकार लगाई तो पुलिस को डयूटी याद आ गई। विधायक को लखनऊ से गिरफ्तार कर मेरठ लाया गया। जहां उन्हें कोर्ट में पेश किया। कोर्ट से उन्हें जेल भेज दिया। अब उक्त मामले में कोर्ट ने रफीक अंसारी को दोष मुक्त कराकर दे दिया है। शहर विधानसभा सीट से रफीक अंसारी दूसरी बार विधायक बने हैं।
सपा MLA के वकील ने बताई सच्चाई
वहीं, इस मामले को लेकर सपा विधायक के वकील ने जानकारी दी है कि 1995 में मेरठ शहर के एक इलाके में आगजनी से जुड़ा एक मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें चार्जशीट में रफीक अंसारी जो वर्तमान में सपा से शहर सीट से विधायक हैं उनका नाम नहीं था। इसके बाद इस मामले में एक सप्लीमेंट चार्जशीट आई जिसमें रफीक अंसारी का नाम था। वो मैटर चलता रहा। बाद में पता चला कि रफीक अंसारी के खिलाफ वारंट है। पुलिस ने उन्हें 23 मई 2024 को बाराबंकी से अरेस्ट किया, 56 दिन वो जेल में रहे इसके बाद कोर्ट से वो जमानत पर बाहर आए। इसके बाद केस ट्रायल में आया। 2024 में इस केस का ट्रायल हुआ।