मारे गए अमर दुबे की पत्नी की रिहाई का अदालत से अनुरोध करेगी पुलिस

punjabkesari.in Tuesday, Jul 14, 2020 - 10:11 AM (IST)

कानपुरः पुलिस कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के साथी रहे मृतक अमर दुबे की पत्नी की रिहाई का अनुरोध अदालत से करेगी क्योंकि बिकरू गांव में पुलिस दल पर घात लगाकर किए गये हमले में उसके (अमर की पत्नी के) शामिल होने के न तो पर्याप्त साक्ष्य हैं या न ही संदेह का कोई उचित आधार है। पुलिस के आधिकारिक प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि जांच अधिकारी से कहा गया है कि वह अदालत के समक्ष जल्द से जल्द क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करें और अमर की पत्नी की रिहाई सुनिश्चित करायें।

प्रवक्ता ने कहा कि जांच अधिकारी से यह भी कहा गया है कि वह अमर की पत्नी खुशी दुबे को लेकर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने में वरिष्ठ अभियोजन अधिकारियों की मदद लें। अमर के हमीरपुर में मुठभेड के दौरान मारे जाने के बाद खुशी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अमर का कथित तौर पर पुलिस दल पर हुए हमले में हाथ था, जिसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। अमर ने मुठभेड के सप्ताह भर पहले ही कथित विवाह किया था। मुठभेड के बाद पुलिस ने उसकी नवविवाहिता पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दूसरी ओर बिठूर के थाना प्रभारी कौशलेन्द्र प्रताप सिंह सोमवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष सर्किट हाउस में पेश हुए और उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया।

सिंह को पुलिस दल पर हुए हमले में दो गोलियां लगी थीं। सिंह ने अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेडडी के नेतृत्व वाली एसआईटी को बताया कि उन्हें चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी का मध्यरात्रि में फोन आया, जिसके बाद वह अपने सब इंस्पेक्टरों और लगभग दस कांस्टेबलों के साथ विकास दुबे के यहां दबिश के लिए बिकरू गांव गये। तिवारी पर आपराधिक साजिश का आरोप है और वह इस समय जेल में है। एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि सिंह ने एसआईटी को बताया कि जो टीम विकास दुबे को गिरफ्तार करने गयी थी, उसका नेतृत्व बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी कर रहे थे और उसमें करीब तीन दर्जन पुलिसकर्मी थे।

सिंह ने एसआईटी को बताया कि पुलिस दल ने अपने वाहन घटनास्थल से एक किलोमीटर पहले ही छोड दिये थे और पैदल ही आगे बढे। जैसे ही वे जेसीबी मशीन से आगे बढे, अचानक गोलियों की बौछार शुरू हो गयी । इसके बाद वे तितर बितर हो गये। जिन पुलिसकर्मियों के पास हथियार नहीं थे, उन्होंने छिपने का प्रयास किया जबकि हथियारबंद पुलिसवालों ने मोर्चा संभाला। थाना प्रभारी ने बताया कि वह दो अन्य पुलिसकर्मियों के साथ एक दीवार के सहारे बैठ गये और चार से पांच राउण्ड फायर किये लेकिन अपराधी चूंकि छतों पर थे इसलिए उनकी रेंज में नहीं आये।

सिंह ने बताया कि उन्हें दो गोलियां लगीं। साथ में बैठे कांस्टेबल अजय सेंगर ने बताया कि उसके पेट में गोली लगी है जबकि दूसरे कांस्टेबल के हाथ में गोली लगी। सिंह ने बताया कि वह किसी तरह वहां से हटे और टूटे दरवाजे वाले एक मकान के भीतर दाखिल हो गये। सिंह ने बताया कि जब वे बिकरू गांव पहुंचे थे तो बत्तियां जल रही थीं और छतों पर खडे अपराधियों की जद में वे आसानी से आ गये हालांकि बाद में बिजली गुल हो गयी। रविवार को एसआईटी कानपुर देहात स्थित शिवली थाने गयी और वहां से संतोष शुक्ला की हत्या से जुडी जानकारी एकत्र की। शुक्ला दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री थे और 2001 में उनकी थाने के भीतर हत्या की गयी थी। उल्लेखनीय है कि कानपुर नगर में घटित घटना के सम्बन्ध में शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त प्रकरण की जांच विशेष जांच दल से कराने का शनिवार को निर्णय लिया गया था।

अपर मुख्य सचिव :गृह एवं सूचना: अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया था कि इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। अवस्थी ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ को एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है। उन्होंने बताया कि विशेष जांच दल प्रकरण से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं और प्रकरण की गहन जांच सुनिश्चित करते हुए 31 जुलाई, 2020 तक जांच रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगा। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tamanna Bhardwaj

Recommended News

Related News

static