Prayagraj News: IITian बाबा अभय सिंह ने अफवाहों का किया खंडन, अब सामने आकर बोले- ''मेला छोड़कर कहीं नहीं गया''
punjabkesari.in Saturday, Jan 18, 2025 - 11:00 AM (IST)
Prayagraj News: महाकुंभ के दौरान आईआईटी वाले बाबा के नाम से मशहूर अभय सिंह ने उन खबरों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया था कि वह जूना अखाड़े के 16 मड़ी आश्रम से अचानक कहीं चले गए हैं। शुक्रवार देर रात एक निजी चैनल से बातचीत में उन्होंने इन अफवाहों को झूठा बताया और आरोप लगाया कि आश्रम के साधुओं ने उनके बारे में यह खबरें फैलाई हैं।
मेला छोड़कर कहीं नहीं गए: अभय सिंह
अभय सिंह ने कहा कि वह मेला छोड़कर कहीं नहीं गए हैं और वे आश्रम में ही मौजूद हैं। खबरें थीं कि अभय के माता-पिता उन्हें ढूंढते हुए जूना अखाड़े के 16 मड़ी आश्रम पहुंचे थे, लेकिन तब तक वह आश्रम छोड़ चुके थे। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई कि माता-पिता आश्रम पहुंचे थे या नहीं।
जूना अखाड़े के कुछ साधुओं ने किया था यह दावा
जूना अखाड़े के कुछ साधुओं ने दावा किया था कि अभय सिंह लगातार मीडिया से इंटरव्यू दे रहे थे और इससे उनके मानसिक स्थिति पर असर पड़ रहा था। उनके अनुसार, अभय सिंह ने कुछ ऐसी बातें कहीं, जो उचित नहीं थीं। इसके बाद उन्हें जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी के पास भेजा गया था। आचार्य के पास जाने के बाद जूना अखाड़ा ने फैसला लिया कि उन्हें आश्रम छोड़ देना चाहिए और इसी के बाद अभय सिंह आश्रम से चले गए।
गलत खबर फैलाने वाले लोग मुझसे डर गए हैं: अभय सिंह
इस बारे में अभय सिंह ने कहा कि यह गलत खबर फैलाने वाले लोग मुझसे डर गए हैं। उन्होंने यह सोचा कि मैं फेमस हो गया हूं और अब अगर उन्होंने मुझे लेकर कुछ गलत कहा तो यह उनके खिलाफ जा सकता है, इसलिए उन्होंने यह अफवाह फैलाई कि मैं कहीं गुप्त साधना में चला गया हूं।" उन्होंने यह भी कहा कि वे मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए जाने को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट हैं और उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वह मानसिक रूप से स्वस्थ हैं।
मुझे जो भी सिखाता है, वह मेरा गुरु नहीं है: अभय सिंह
इसके अलावा, आईआईटी वाले बाबा ने यह भी कहा कि उनका कोई गुरु नहीं है। हाल ही में जूना अखाड़ा के संत सोमेश्वर पुरी ने दावा किया था कि वह अभय सिंह के गुरु हैं और उन्हें वाराणसी में भटकते हुए पाया था। लेकिन अभय सिंह ने इसे नकारते हुए कहा कि यह अफवाह है। मैंने पहले ही कहा था कि मुझे जो भी सिखाता है, वह मेरा गुरु नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि जब वह प्रसिद्ध हुए, तब इस संत ने खुद को उनका गुरु बना लिया। अभय सिंह का कहना था कि वह अपने जीवन में खुद की साधना पर ध्यान केंद्रित करते हैं और किसी से भी गुरु-शिष्य संबंध नहीं रखते हैं।