यूपी के राज्य पक्षी सारस की सुरक्षा के लिए समिति का गठन

punjabkesari.in Monday, Dec 31, 2018 - 12:37 PM (IST)

 

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार के वन एवं वन्य जीव विभाग ने राज्य पक्षी सारस के संरक्षण हेतु प्रदेश में सारस संरक्षण समिति का गठन किया है। वन एवं वन्य जीव विभाग प्रति वर्ष सारस संरक्षण हेतु संरक्षित वन क्षेत्रों में आद्र्रभूमि के विकास और संरक्षण का कार्य करता है। सारस की वर्तमान स्थिति ज्ञात करने हेतु प्रति वर्ष प्रदेश में सारस की गणना करायी जाती है। सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में ग्रीष्मकालीन सारस गणना के अनुसार वर्ष 2015 में 13,332, वर्ष 2016 में 14,389 और वर्ष 2017 में 15,138 सारस पाये गये। 2018 में राज्य में कुल 15,938 सारस पाये गये, जो विगत वर्ष की तुलना में 5.2 प्रतिशत अधिक है।

मुख्य वन संरक्षक मुकेश कुमार ने बताया कि सारस उडऩे वाले पक्षियों में दुनिया का सबसे ऊंचा पक्षी है। इसकी ऊॅंचाई 152-156 सेन्टीमीटर होती है। उन्होंने बताया कि सारस उत्तर प्रदेश का राज्य पक्षी है, जो पारिस्थितिकी संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है। सारस लम्बी आयु, प्रसन्नता, प्रेम और आदर्श परिवार का प्रतीक है।

कुमार ने बताया कि अपने परिवार के साथ ही निवास करने वाला पक्षी सारस सामान्यत: पूरे प्रदेश में पाया जाता है। उत्तर प्रदेश के केन्द्रीय एवं उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में इनकी संख्या अधिक पायी जाती है। केन्द्रीय क्षेत्र के अन्तर्गत इटावा, मैनपुरी, एटा व अलीगढ़ जनपद में और उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के लखीमपुर-खीरी, शाहजहांपुर, सीतापुर, हरदोई तथा बाराबंकी जनपद में सारस समूह आसानी से देखे जा सकते हैं। सारस का प्राकृतिक वास मुख्यत: शुष्क और नम घास के मैदान, कृषि भूमि, दलदली भूमि तथा झील वाले क्षेत्रों में होता है। सारस सर्वाहारी पक्षी है, जो विभिन्न प्रकार के पौधों की जड़ों, कन्दमूलों के साथ-साथ मछली और कीड़ों आदि को खाता है।






 


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Tamanna Bhardwaj

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