मासूमों की मौत से हिला राजस्थान: सरकारी अस्पतालों में बंटी जहरीली कफ सिरप, 9 बच्चों के मारने की खबर

punjabkesari.in Friday, Oct 03, 2025 - 01:12 PM (IST)

यूपी डेस्क: राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त बांटी जा रही खांसी की दवा अब बच्चों के लिए राहत नहीं बल्कि मौत का सबब बन चुकी है। डेक्सट्रोमेथोर्फन हाइड्रोब्रोमाइड (Dextromethorphan Hydrobromide) नामक साल्ट वाली इस कफ सिरप ने 9 मासूमों की जान ले ली और कई बच्चों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। यह घटना केवल मेडिकल लापरवाही नहीं बल्कि दवा कंपनी, सरकारी सिस्टम और ड्रग कंट्रोल एजेंसियों की गहरी मिलीभगत का खुला प्रमाण बनकर सामने आई है।

ब्लैकलिस्टेड दवा फिर पहुंची अस्पतालों तक
बताया जा रहा है कि जिस दवा से बच्चों की मौत हुई, वह पहले ही 2023 और 2025 में प्रतिबंधित हो चुकी थी। इसके बावजूद ‘केसन फार्मा’ नाम की कंपनी ने नई पैकेजिंग और फॉर्मूले के नाम पर वही दवा दोबारा सप्लाई में धकेल दी। राजस्थान की मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के तहत यह जहरीली सिरप बड़े पैमाने पर अस्पतालों में बांटी जा रही थी।

कंपनी की सफाई और सिस्टम की चुप्पी
मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर कंपनी मालिक वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने दवा की गुणवत्ता को सही बताते हुए डॉक्टरों पर "ओवरडोज़" देने का आरोप लगा दिया। सवाल यह है कि जब दवा बार-बार ब्लैकलिस्ट हो चुकी थी तो यह सरकारी अस्पतालों में कैसे पहुंची? यह बिना सिस्टम की चुप्पी और अधिकारियों की मिलीभगत के संभव नहीं।

डॉक्टर भी बने शिकार
भरतपुर के बयाना ब्लॉक में तीन साल के बच्चे को यह सिरप दी गई। दवा लेते ही वह बेहोश हो गया और हालत गंभीर हो गई। परिजनों के सवाल उठाने पर डॉ. ताराचंद योगी ने खुद सिरप पीकर अपनी बात साबित करने की कोशिश की। नतीजा यह हुआ कि डॉक्टर और दो एंबुलेंस कर्मी भी गंभीर हालत में भर्ती हो गए।

 बच्चों की मौत के बाद जागी सरकार
सीकर में पांच साल के बच्चे की मौत के बाद सरकार हरकत में आई और DEXTROMETHORPHAN HBr Syrup IP 13.5 mg/5ml पर तत्काल रोक लगा दी। लेकिन यह कदम तब आया जब कई मासूमों की जिंदगी चली गई।

कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन
राजस्थान में 2019 से अब तक मुफ्त दवा योजना के तहत 915 दवाएं फेल हो चुकी हैं, मगर न तो कंपनियों पर स्थायी बैन लगा और न ही अफसरों पर कोई कड़ी कार्रवाई हुई। अब जाकर सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि अगर किसी कंपनी की एक भी दवा ब्लैकलिस्ट होती है, तो उस कंपनी की सभी दवाओं पर रोक लगाई जाएगी। लेकिन यह कदम भी देर से उठाया गया है।


 


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Content Writer

Ramkesh

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