कानपुर में रावण की होती है पूजा, साल में सिर्फ एक दिन खुलता है ये रहस्यमयी मंदिर; जानें क्यों मानते हैं विद्या और शक्ति का प्रतीक!
punjabkesari.in Thursday, Oct 02, 2025 - 11:22 AM (IST)

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में एक ऐसा अनोखा मंदिर है जहां रावण की पूजा होती है। यह मंदिर शिवाला इलाके में स्थित है और साल में सिर्फ एक दिन – दशहरे के दिन ही खुलता है। इस दिन बड़ी संख्या में लोग यहां पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं।
रावण को मानते हैं विद्वान और शिवभक्त
अक्सर रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है और दशहरे के दिन उसका पुतला जलाया जाता है। लेकिन कानपुर के इस मंदिर में रावण की पूजा उसकी विद्वत्ता, बल और भगवान शिव के प्रति भक्ति के कारण की जाती है। यहां लोग तेल के दीपक जलाते हैं, फूल चढ़ाते हैं और मन्नतें मांगते हैं।
100 साल पहले बना था रावण मंदिर
इस मंदिर का निर्माण करीब 100 साल पहले महाराज गुरु प्रसाद शुक्ल ने करवाया था। इसे कैलाश मंदिर परिसर में बनाया गया है। मान्यता है कि रावण को मां छिन्नमस्तिका से ऐसा वरदान मिला था कि जो भी भक्त मां की पूजा करेगा, उसकी पूजा तब तक पूरी नहीं मानी जाएगी जब तक वह रावण की भी पूजा ना करे। इसलिए दशहरे के दिन पहले मां छिन्नमस्तिका की पूजा होती है, फिर रावण की आरती।
206 साल पुरानी परंपरा
कहा जाता है कि 1868 में, यानी करीब 206 साल पहले तत्कालीन राजा ने मां छिन्नमस्तिका का मंदिर बनवाया था। उसी परिसर में रावण की लगभग 5 फुट ऊंची मूर्ति लगाई गई थी, जो आज भी मौजूद है। विजयादशमी (दशहरा) के दिन ही यह मंदिर खोला जाता है। इस दिन सुबह 9 बजे मंदिर के दरवाजे खुलते हैं और शाम तक पूजा-अर्चना के बाद इसे फिर से बंद कर दिया जाता है – पूरे एक साल के लिए।