KGMU में लापरवाही का रिकॉर्ड तोड़ कारनामा: 45 साल के मरीज को बताया 144 का, भर्ती से पहले ही घोषित कर दी मौत!
punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 08:26 AM (IST)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक मरीज की मौत के बाद जारी हुए डेथ सर्टिफिकेट में ऐसी गलतियां की गईं, जो किसी के भी होश उड़ा सकती हैं।
क्या है पूरा मामला?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 45 वर्षीय प्रमोद कुमार सिंह को 10 अगस्त को इलाज के लिए KGMU में भर्ती किया गया था। लेकिन 11 अगस्त को उनकी मौत हो गई। जब अस्पताल ने डेथ सर्टिफिकेट जारी किया, तो उसमें इतनी बड़ी गड़बड़ियां थीं कि परिवार दंग रह गया। डेथ सर्टिफिकेट में मृतक की उम्र 144 साल लिखी गई। मृतक की पत्नी का नाम गायब था। सबसे चौंकाने वाली बात सर्टिफिकेट में यह लिखा गया कि प्रमोद को 11 अगस्त दोपहर 3 बजे भर्ती किया गया और उसी सर्टिफिकेट में यह भी दर्ज है कि उन्हें दोपहर 2 बजे मृत घोषित कर दिया गया। यानी मौत भर्ती कराने से पहले हो गई।
अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया
KGMU के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि यह एक गंभीर गलती है और इसकी जांच की जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि यह गड़बड़ी किस स्तर पर हुई – डॉक्टर, क्लर्क या रिकॉर्ड डिपार्टमेंट में।
KGMU क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है?
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ का एक प्रमुख मेडिकल संस्थान है। इसकी स्थापना 1905 में हुई थी और यह भारत के सबसे पुराने व प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में से एक है। इसे बाद में विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। यहां पर MBBS, MD, MS, BDS, M.Ch, Ph.D. जैसी उच्च स्तरीय मेडिकल शिक्षा दी जाती है और यहां के अस्पताल में लाखों मरीजों का हर साल इलाज होता है। KGMU का नाम रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल्स में भी काफी ऊपर है।
गलतियों से उठे बड़े सवाल
इस घटना ने अस्पतालों में होने वाली लापरवाही और रिकॉर्ड की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। जब एक प्रतिष्ठित संस्था में इस तरह की चूक हो सकती है, तो बाकी जगहों का क्या हाल होगा?