बिजली दरों में बढ़ोत्तरी मामला: नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन को थमाया नोटिस

punjabkesari.in Thursday, Jun 20, 2019 - 08:10 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में 25 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को लेकर विद्युत नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन को नोटिस जारी कर पूछा है कि उदय स्कीम का अनुबन्ध करने के बाद बिजली कम्पनियों ने उपभोक्ताओं को अतिरिक्त लाभ क्यों नहीं दिया। नोटिस में पूछा गया है कि बिजली कंपनियों ने वर्ष 2016-17 तक उपभोक्ताओं का अतिरिक्त लगभग 11,851 करोड़ का लाभ क्यों नहीं दिया। आयोग ने इस संबंध में 15 दिनों के भीतर पावर कारपोरेशन को जवाब देने को कहा है। आयोग ने इस संबंध में उपभोक्ताओं और सभी पक्षों को दो विकल्प दिए हैं कि या तो उपभोक्ताओं को 2.5 से 5 प्रतिशत समय से बिजली बिल जमा करने पर छूट दी जाए अथवा दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की जाए।

उपभोक्ता परिषद का दावा है कि अब आने वाले समय में रेगूलेटरी सरचार्ज 4.28 प्रतिशत समाप्त होगा वहीं बिजली दरों में बढ़ोत्तरी कराना कम्पनियों के लिए मुश्किल भरा होगा। उपभोक्ताओं का 11,851 करोड़ का लाभ बिजली कम्पनियों की सब्सिडी के बाद मौजूदा प्रस्ताव में लगभग 9000 करोड़ का अंतर होगा। ऐसे में अतिरिक्त 3,851 करोड़ का लाभ के लिए बिजली दरों में हो व्यापक कमी आएगी।

परिषद के अध्यक्ष अवेधेश वर्मा ने बताया कि प्रदेश की बिजली कम्पनियां वर्ष 2019-20 में सब्सिडी के बाद लगभग 9 हजार करोड़ का गैप दिखाकर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में व्यापक बढ़ोत्तरी कराने की जुगत में लगी थी वहीं नियामक आयोग के एक निर्णय ने बिजली कम्पनियों में भूचाल ला दिया है। यह मामला तब का है जब वर्ष 2016 में बिजली कम्पनियों का कुल घाटा 70,738 करोड़ था और राज्य की बिजली कम्पनियों ने उदय स्कीम के साथ अनुबन्ध किया जिसमें घाटे का 53,211 करोड़ बैंकों लोन था जिसका 75 प्रतिशत यानी 39,908 करोड़ रूपए राज्य सरकार ने वहन कर लिया।


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