तिरंगे से छेड़छाड़ करना पड़ा बहुत महंगाः 50 आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रदोह का केस
punjabkesari.in Saturday, Sep 30, 2023 - 09:49 AM (IST)

फतेहपुर (बिन्दकी)- बारावफात का जुलूस के दौरान राष्ट्रीय झंडा तिरंगा से छेड़छाड़ करना बहुत महंगा पड़ गया है। बता दें कि गुरूवार को नगर के बजरिया मोहल्ले से बारावफात का जुलूस धूमधाम से निकाला गया था। जुलूस के दौरान तिरंगा झंडा में अशोक चक्र को हटाकर कलमा लिखा गया और झंडा फहराया गया। इसका वीडियो वायरल होते ही पुलिस हरकत में आ गई और 50 लोगों पर राष्ट्रदोह का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बारावफात के जुलूस में तिरंगे से छेड़छाड़
कस्बे में गुरुवार को बारावफात का जुलूस निकाला गया था। जुलूस में सैकड़ों लोग शामिल थे। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में जुलूस के बीच एक तिरंगा झंडा लेकर कुछ बच्चे चल रहे हैं। सोशल मीडिया में यह वीडियो वायरल होते ही चर्चा का विषय बन गया। चर्चा इस कारण रही कि तिरंगा झंडे के साथ छेड़छाड़ की गई थी। तिरंगे से अशोक चक्र गायब था और उसकी जगह कलमा लिखा गया था।
पुलिस ने 10 नामजद और 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ किया मामला दर्ज
वायरल वीडियो का पुलिस ने संज्ञान में लिया है। पुलिस ने 10 नामजद और 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय गौरव निवारण अधिनियम निवारण अधिनियम 1971 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमे में शहर काजी मोहम्मद रजा साहब कादरी सहित 50 लोग शामिल हैं। एसपी उदय शंकर सिंह ने बताया कि केस दर्ज किया गया है। लोगों की पहचान की जा रही है।
तिरंगे में क्या है अशोक चक्र का महत्व
अशोक चक्र भारत की संप्रभुता व एकता का प्रतीक है इसे राष्ट्र प्रतीक के रूप मे भी जाना जाता है। इस चक्र को भारत के गौरव राष्ट्रीय ध्वज मे मध्य में स्थान दिया गया है। भारत के राष्ट्रीय प्रतीक इस अशोक चक्र को कर्तव्यों का पहिया भी कहा जाता है। इस अशोक चक्र मे स्थित चौबीस तीलियाँ मनुष्य को उसके चौबीस कर्तव्यों का भी बोध कराती हैं और उसे धर्म के मार्ग पर प्रशस्त करती हैं। अशोक चक्र को भारत के राष्ट्रीय पदक के रूप मे भी दिया जाता है। यह पदक शांति के समय दिया जाने वाला सबसे ऊंचा वीरता पदक है।