''छोटी-मोटी गिरफ्तारियां कर सैकड़ों लोगों की मौत से जिम्मेदारी का पल्ला झाड़ना चाहता है प्रशासनः अखिलेश यादव

punjabkesari.in Saturday, Jul 06, 2024 - 02:52 PM (IST)

Lucknow News: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि अगर हाथरस में हुई भगदड़ की घटना में प्रशासनिक चूक से सबक नहीं लिया गया तो भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं और होंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार भगदड़ की घटना में मामूली गिरफ्तारियां करके अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही है। बता दें कि जिले के फुलरई गांव में 2 जुलाई को एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए।

नाकामी छुपाने के लिए हो रही गिरफ्तारीः अखिलेश
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि ''उप्र शासन-प्रशासन ‘हाथरस हादसे’ में अपनी नाकामी छुपाने के लिए, छोटी-मोटी गिरफ्तारियाँ दिखाकर सैकड़ों लोगों की मौत से अपनी जिम्मेदारी का पल्ला झाड़ना चाहता है। अगर ऐसा हुआ तो इसका मतलब ये निकलेगा कि इस तरह के आयोजन में हुई शासनिक-प्रशासनिक विफलता से किसी ने कोई सबक नहीं लिया और ऐसी दुर्घटनाएं भविष्य में भी दोहरायी जाती रहेंगी। शासन-प्रशासन किसी ख़ास मंशा से व्यर्थ में ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर रहा है, जो मूल आयोजन स्थल से दूर थे और गिरफ्तारी के बाद उनको ही दोषी ठहराये जाने की तैयारी कर रहा है।''

 


ये गिरफ्तारियां स्वयं में एक षड्यंत्र हैंः अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा कि ''ये गिरफ्तारियाँ स्वयं में एक षड्यंत्र हैं। इन गिरफ्तारियों की तुरंत न्यायिक जांच हो, जिससे उप्र की भाजपा सरकार का खेल जनता के सामने लाया जा सके। अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि ऐसे आयोजन से उसका कोई लेना-देना नहीं था, तो फिर भाजपा सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक़ नहीं। इस कार्यक्रम में आये अधिकांश ग़रीब लोग दुखी, शोषित, पीड़ित, वंचित, दमित थे, इस आधार पर इसका मतलब तो ये भी निकलता है कि ऐसे लोगों से भाजपा सरकार का कोई सरोकार नहीं है। जबकि सबसे पहले सरकार का ध्यान ऐसे लोगों की तरफ़ ही जाना चाहिए।''

अखिलेश ने साझा किया पत्र
सपा प्रमुख ने अपने पोस्ट के साथ एक पत्र भी साझा किया, जिसमें मैनपुरी जिले के निवासी अंकित यादव ने लिखा था कि उसके पिता (रामलड़ैते यादव) को भगदड़ की घटना के सिलसिले में गलत तरीके से फंसाया गया है और उसके पिता का इस घटना से कोई संबंध नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस में हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया, जो इस संभावना की भी जांच कर रहा है कि धार्मिक सभा में मची भगदड़ के पीछे कोई साजिश तो नहीं थी। 

 


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Content Editor

Pooja Gill

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